झारखंड में पलामू जिले के नीलांबर-पीतांबरपुर थाना क्षेत्र के डबरा आहर से घायल अवस्था में मिले चार वर्षीय नर हिरण की इलाज के लिए ले जाए जाते समय रास्ते में मौत हो गई।वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि हिरण की मौत उसकी सींग में काफी देर तक रस्सी फंसे रहने और जबड़े पर लाठी के प्रहार के कारण हुई।उन्होंने बताया कि हिरण की हालत शिकारी के बल प्रयोग के कारण गंभीर हो गई थी और उसे इलाज के लिए लेस्लीगंज के पशु चिकित्सक के पास ले जाया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले की उसने दम तोड़ दिया। इस मामले में कार्वाई करते हुए वनकर्मियों ने हिरण को फंसाने वाले शिकारी ग्रामीण लालदेव यादव (30 वर्ष) को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया और अदालत ने उसे जेल भेज दिया।
कुंदरी के वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) संदीप कुमार चौधरी ने बताया कि हिरण को बचाने के लिए इलाज के लिए लेस्लीगंज के पशु चिकित्सक के पास ले जाया गया था लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। इस मामले में डबरा के रहने वाले लालदेव यादव को हिरण का शिकार करने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। वन विभाग ने आज हिरण के शव का पोस्टमार्टम कराया और फिर उसे नियमानुसार दफना दिया गया। चौधरी ने बताया कि छानबीन में सामने आया है कि डबरा गांव के लालदेव यादव नामक व्यक्ति ने जंगली सूअर का शिकार करने के लिए तार का फंदा लगाया था जिसमें सूअर की जगह जंगल से भटक कर आया नर हिरण फंस गया।
आरोपी ने पूछताछ के दौरान कहा है कि सुअर का शिकार करने के लिए आहर (छोटा तालाब) के किनारे तार का जाल लगाया था लेकिन उसमें हिरण फंस गया। आरोपी के अनुसार हिरण के सिंग में रस्सी और तार फंस जाने के बाद उसे काबू में करने के लिए उसने उसके जबड़े पर लाठियों से मारा था। इस घटना की सूचना सबसे पहले ध्रुव सिंह नामक व्यक्ति ने दी जिसने अपने दो साथियों के साथ पानी से भरे आहर में हिरण को तड़पते देखा था। उसने इसकी रिपोर्ट लेस्लीगंज थाना के डबरा पिकेट प्रभारी, एवं वन विभाग कुन्दरी को की थी। साथ ही उसने हिरण को बंधी रस्सी से मुक्त कर पानी से बाहर निकाला था। वन सूत्रों ने बताया कि जंगल से भोजन की तलाश में जानवर आते रहते हैं। कुंदरी वन क्षेत्र से अक्सर जंगली जानवर रात के समय भोजन की तलाश में भटककर गांव में आ जाते हैं।