जयपुर- पाकिस्तान से लगते राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में अनेक स्थानों को पर्यटन सर्किट के तहत विकसित किया जाएगा ताकि और अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य के पर्यटन विभाग ने सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से राज्य में अगले 18 महीने में 19 करोड़ रूपए की लागत से टूरिस्ट सर्किट विकसित करने की योजना बनाई है। एक अधिकारी ने बताया कि इस टूरिस्ट सर्किट में तनोट माता मंदिर, किशनगढ़ किला, लोंगेवाला युद्ध स्मारक और विशाल रेगिस्तानी इलाकों के बीच सुंदर गांव क्षेत्र प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनने जा रहे हैं। पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौर ने बताया कि राज्य के पर्यटन विभाग, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से पर्यटकों के लिए भारत पाक सीमा का दौरा और भी सुखद होने वाला है। उन्होंने कहा कि तनोट माता मंदिर, किशनगढ़ किला, लोंगेवाला युद्ध स्मारक और विशाल रेगिस्तानी इलाकों के बीच सुंदर गांव क्षेत्र पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र बनेंगे। उन्होंने कहा, सीमा और इसके संबद्ध इतिहास पर्यटकों पर आकर्षित करते हैं। इसलिए बीएसएफ द्वारा तनोट माता पर्यटक परिसर का विकास सीमा के कठिन जीवन को प्रदर्शित करते हुए सुरक्षित, आरामदायक यात्रा का आश्वासन देगा। इसके अलावा, समृद्ध ऐतिहासिक भव्यता की पृष्ठभूमि में भारत पाकिस्तान सीमा की आभा पर्यटकों को जीवन भर के लिए संजोने का मौका देगी। उन्होंने कहा कि इसी तरह तनोट माता मंदिर भी हर दिन लगभग 3000 भक्तों को आकर्षित करता है और उनमें से कुछ पर्यटकों को जिला प्रशासन की अनुमति के बाद बावलियावाला सीमा पर भी जाने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि हालांकि, यहां आगंतुकों के लिए सीमित सुविधाएं ही उपलब्ध हैं, लेकिन अब रंगशाला, बाल गतिविधि क्षेत्र, कैफेटेरिया और अन्य सुविधाओं के साथ तनोट मंदिर परिसर को भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पर्यटकों को बावलियावाला सीमा पर जाने और वहां पर रिट्रीट समारोह देखने को मिलेगा। राठौर ने बताया कि जैसलमेर जिला प्रशासन भी बावलियांवाला क्षेत्र को विकसित कर रहा है और आगंतुकों की सुविधा प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि बॉर्डर टूरिज्म से दूर-दराज के गांवों के निवासियों के लिए नए अवसर पैदा होंगे और स्थानीय लोक कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए मंच मिलेगा। उन्होंने बताया कि लोक कलाओं के प्रदर्शन के साथ-साथ स्थानीय हस्तशिल्प कारीगरों को भी पर्यटन स्थलों पर आसान बाजार मिलेगा।