नई दिल्ली- नई दिल्ली नगर पालिका परिषद ने अगले वित्त वर्ष के लिए शुक्रवार को अपना बजट पेश किया। इसमें लुटियन दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने वाली योजनाओं पर जोर दिया गया है। इस दिशा में बढऩे के लिए एनडीएमसी अब केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद करेगा। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के चलते होने वाली परेशानी को देखते हुए एनडीएमसी ने इस बार अपने बजट प्रस्तावों में साफ हवा पर ध्यान केंद्रित किया है।
शुक्रवार को हुई बैठक में 135.84 करोड़ रुपये के फायदे का बजट पेश किया गया। प्रदूषण को कम करने के लिए बजट में संकल्प लिया गया है कि परिषद का ध्यान पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों पर होगा। आगे पेट्रोल और डीजल वाहनों की बजाय सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद की जाएगी। जबकि,अभी जो पेट्रोल-डीजल वाहन हैं, उन्हें भी चरणबद्ध तरीके से बाहर किया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए परिषद ने अभी तक कुल 60 ई.चार्जिंग स्टेशन बनाए हैं।
जबकि,सालभर में सौ और जगहों पर ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे ताकि, इलेक्ट्रिक वाहनों को कहीं भी चार्ज करने की परेशानी नहीं झेलनी पड़े। इसके अलावा, परिषद की ओर से साइकिल शेयरिंग योजना की तरह की ई-स्कूटर की सुविधा भी शुरू की जाएगी। जहां पर लोग किराए पर ई-स्कूटर ले सकेंगे। जबकि, खुली और धूल उडऩे की संभावना वाली जगहों पर हरित पट्टी विकसित की जाएगी। इसके साथ ही पेड़ों की धुलाई, मैकेनिकल रोड स्वीपिंग और फॉग स्प्रेयर की तैनाती से भी प्रदूषण को कम किया जाएगा। एनडीएमसी अध्यक्ष धर्मेन्द्र की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक में बजट प्रस्ताव पेश किए गए। परिषद उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय, विधायक वीरेन्द्र सिंह कादियान, कुलजीत सिंह चहल,वैशाखा सैलानी,गिरीश सचदेवा,आशुतोष अग्निहोत्री सहित अन्य लोग बैठक में शामिल रहे।
संपत्तिकर में कोई इजाफा नही
एनडीएमसी ने अपने बजट में संपत्ति कर में इजाफे का प्रस्ताव नहीं किया है। हालांकि, कर राजस्व 930 के उच्चतम स्तर पर रहने का अनुमान है। कोविड की स्थिति के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 135.84 करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 178.95 करोड़ रुपए के मध्यम मुनाफे का अनुमान बजट में किया गया है।
ग्रीन एनर्जी को दिया जाएगा बढ़ावा
परिषद अपने यहां पूरी तरह से ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देगी। बजट में कहा गया है कि एनडीएमसी ने खुद को देश के सौ फीसदी नवीकरणीय ऊर्जा नगर निकाय के रूप में स्थानांतरित करने की महत्वाकांक्षी यात्रा शुरू की है। इस क्रम में सबसे पहले थर्मल पावर जेनरेटिंग स्टेशनों के साथ बिजली खरीद समझौते की समाप्ति के बाद उन्हें नवीनीकृत नहीं किया जाएगा। इसके समानांतर पनबिजली, सौर ऊर्जा व अन्य अक्षय ऊर्जा प्रदाताओं के साथ नए खरीद समझौते किए जा रहे हैं।