-29 अक्टूबर से शुरू होगी महिलाओं के लिए डीटीसी में मुफ्त यात्रा
-मुफ्त टिकट पर सीएम व परिवहन मंत्री के फोटो पर भाजपा का सवाल

परफैक्ट न्यूज ब्यूरो/ नई दिल्ली
केजरीवाल सरकार 29 अक्टूबर यानी भाई दूज के दिन से दिल्ली की महिलाओं को डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा की सौगात देने जा रही है। दिल्ली की महिलाओं के साथ ही मुफ्त यात्रा का लाभ एनसीआर की महिलाएं भी उठा सकेंगी। यह लाभ नोएडा, फरीदाबाद, ग्ररूग्राम और बल्लभगढ़ आदि जाने-आने वाली डीटीसी बसों में भी मिल सकेगा। लेकिन इसके लिए महिलाओं को कंडक्टर से महिलाओं को मुफ्त यात्रा के टिकट की मांग करनी होगी।
दिल्ली सरकार ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। महिलाओं को मुफ्त यात्रा के लिए दिए जाने वाले डीटीसी टिकट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का फोटो भी छपा होगा। दिल्ली सरकार ने डीटीसी के मुफ्त टिकट पर मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री का फोटो छापने के लिए 11 अक्टूबर को मंजूरी दे दी है। मुफ्त टिकटों की छपाई शुरू हो चुकी है और इन्हें संबंधित डिपो व अधिकारियों तक पहुंचाया जारहा है। डीटीसी टिकट पर सीएम के फोटो को लेकर बीजेपी ने सवाल खड़े किए हैं।
लोकायुक्त से की गई शिकायत
डीटीसी टिकट पर फोटो जाने को लेकर बीजेपी ने लोकायुक्त से शिकायत की है। दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि लोकायुक्त रेवा खेत्रपाल मामले की सुनवाई कर रही हैं। यह याचिका डीटीसी बसों में महिलाओं को निःशुल्क टिकट के पीछे मुख्यमंत्री की फोटो को लेकर दाखिल की गई है। विजेन्द्र गुप्ता, ओमप्रकाश शर्मा, जगदीश प्रधान, कपिल मिश्रा तथा अनिल बाजपेई की ओर से यह याचिका दाखिल की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनावी फायदा उठाने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल अपना फोटो बस टिकटों पर छपवा रहे हैं।
लोकायुक्त से जल्द सुनवाई के लिए कहा गया है। क्योंकि दिल्ली सरकार इस योजना को 11 अक्टूबर को मंजूरी दे चुकी है तथा टिकटों का मुद्रण तत्पश्चात् डिपो तथा अधिकारियों तक पहुंचाने का काम प्रारंभ हो चुका है। इस पर तुरंत रोक लगाने की आवश्यकता है।
डीटीसी को नहीं किया कोई भुगतानः
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि डीटीसी टिकटों पर मुख्यमंत्री की फोटो लगाने का निर्णय अधिकारिक चेनल से नहीं लिया गया। यह कोई विज्ञापन नहीं है और इसके लिये सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम को कोई पेमेंट नहीं किया। अतः यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अतंर्गत नहीं आता है। फोटो के प्रकाशन में सभी नियम कायदे ताक पर रख दिये हैं।
शीला दीक्षित के कार्यकाल में हटाए फोटोः
इस तरह का मामला पहले भी सामनेआ चुका है। साल 2012 में दिल्ली स्वराज योजना के तहत ऋण प्रार्थना पत्र पर तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित और परिवहन मंत्री राजकुमार चैहान के फोटो प्रकाशित किये गये थे। उस समय तत्कालीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन ने इन फोटो को हटाने के आदेश दिये थे। विजेंद्र गुप्ता ने मांग की है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मनमानी पर लोकायुक्त द्वारा अंकुश लगाया जाना चाहिए।
उप राज्यपाल से की शिकायतः
दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामलो केा लेकर उप राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की। बीजेपी प्रतिनिधियों ने डीटीसी बसों में निःशुल्क यात्रा करने वाली महिलाओं को दिये जाने वाले टिकट के पीछे मुख्यमंत्री केजरीवाल का फोटो छापने की शिकायत की। उन्होंने उप राज्यपाल से मांग की कि मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री का फोटो डीटीसी के टिकट पर छापने से उन्हें रोका जाए। प्रतिनिधिमंडल में विधायक ओ.पी. शर्मा, जगदीश प्रधान तथा पूर्व विधायक कपिल मिश्रा एवं अनिल बाजपेई शामिल हुए। उपराज्यपाल ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
चुनावी फायदा उठाने की कोशिश का आरोपः
बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अपना फोटो छापकर चुनावी फायदा उठाने की कोशिश का आरोप लगाया है। नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का अपनी फोटो के प्रति मोह दिखाता है कि वे आत्ममोह के मनौवैज्ञानिक विकार से पीड़ित हैं। मनौवैज्ञानिकों के अनुसार इस विकार से पीड़ित व्यक्ति अपनी खुद की प्रशंसा में इतना आत्ममगन रहता है कि वह सभी सीमाएं लांघ जाता है।प्रजातांत्रिक व्यवस्था में इस प्रकार के विकारों के लिये कोई स्थान नहीं है।