-भाजपा ने लगाए ‘विज्ञापन का अभियान’ बनाने के आरोप
-डेंगू के खिलाफ नगर निगमों ने किया कामः विजेंद्र गुप्ता
परफैक्ट न्यूज ब्यूरो/ नई दिल्ली
एक ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डेंगू के खिलाफ चलाए गए अपने अभियान को सफल बताया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसे केवल ‘विज्ञापन का अभियान’ बताकर इसकी निंदा की है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा डेंगू को पनपने से रोकने के लिए किये जा रहे तमाम दावे झूठ पर आधारित हैं। वह केवल अपना राजनीतिक उल्लू सीधा कर रहे हैं। इस मौके पर प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी नीलकांत बख्शी और मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा मौजूद रहे।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि ‘दस हफ्ते दस बजे दस मिनट’ नामक केजरीवाल सरकार का अभियान पूरी तरह से विज्ञापनों पर आधारित रहा। जिसमें केवल मुख्यमंत्री ने अपनी फोटो लगाकर जनता की गाढ़ी कमाई का दुरूपयोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए किया है। सोशल मीडिया पर झूठ बोल रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री डेंगू को लेकर गलत आंकड़े जनता के सामने रखकर अपनी वाहवाही लूट रहे है। दिल्ली में डेंगू से होने वाली मौतों को छुपाने की कोशिश मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही है जो किसी भी पैरामीटर पर सही नहीं है। वर्ष 1996 में जब पहली बार दिल्ली में डेंगू फैला था उस वक्त 400 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 10 हजार लोग प्रभावित हुये थे। तब निगम ने 3500 डोमेस्टिक ब्रिड चैकर नियुक्त किये थे ताकि वो दिल्ली में इसे फैलने से रोके। निगम द्वारा नियुक्त किये जाने वाले डोमेस्टिक ब्रिड चेकर जोकि साल के 365 दिन अपनी मेहनत से दिल्ली की गलियों में डेंगू पनपने से रोकने व जागरूकता फैलाने का काम करते हैं उनके योगदान को सीधे तौर पर मुख्यमंत्री द्वारा नकारा जा रहा है।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने डेंगू को फैलने से रोकने के लिए अपने ही लोगों का धन्यवाद किया जिसमें कुछ सिलेब्रिटी थे, कुछ खिलाड़ी थे, लेकिन जिनकी वास्तविक मेहनत थी मतलब दिल्ली नगर निगम के डोमेस्टिक ब्रिड चेकर जो दिल्ली की गलियों में पूरी जिम्मेदारी के साथ डेंगू पनपने से रोकने के लिए काम करते हैं उनका नाम नहीं लिया, अपितु अपनी व अपनी सरकार की लगातार तारीफ करते रहे। हम ऐसी राजनीति की निन्दा करते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में 15000 डेंगू के केस हुये और 60 मौते हुई थी। वहीं 2019 में 1000 केस और एक भी जान नहीं गई। यह आंकड़ा पूरी तरह से झूठ पर आधारित है। जिसे जनता को गुमराह करने के लिए परोसा जा रहा है।
31 दिंसबर 2018 तक के आंकड़े पर नजर डाली जाये तो 2015 से लेकर अब तक के केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में डेंगू के कुल 1301 मामले दर्ज किये गये है। डेंगू से दिल्ली के किदवई नगर में एक लड़की की मौत भी हो चुकी है। जिस पर मुख्यमंत्री ने जानबूझ कर चुपी साध रखी हैं। पांच डॉक्टरों की कमेटी डेंगू को लेकर 31 दिंसबर तक आंकड़े जारी करती है। मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता को बताएं कि वो नवम्बर में ही आंकड़े कहां से लेकर आये हैं और इसका आधार क्या है? स्पष्ट है मुख्यमंत्री जनता के बीच भ्रम व झूठ फैलाकर सत्ता में बनें रहने के लिए इस प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। आंकड़ो को घुमाकर जनता को गुमराह करने के पीछे का कारण मुख्यमंत्री केजरीवाल बतायें नहीं तो जनता अगामी विधानसभा चुनावों में इन्हें माफ नहीं करेगी।