नई दिल्ली- दिल्ली परिवहन विभाग के बेड़े में शुक्रवार से 100 लो-फ्लोर एसी बसें और जुड़ गई हैं, जो बाहरी दिल्ली के घुम्मनहेड़ा डिपो से दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में चलेंगी। इन 100 एसी सीएनजी लो फ्लोर बसों के आने के बाद दिल्ली के अंदर बसों की संख्या बढक़र अब 6900 पहुंच गई है, जिससे राजधानी में सार्वजनिक परिवहन की स्थिति सुधरने की उम्मीद जागी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजघाट बस डिपो पर इन बसों को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान सीएम ने कहा कि इससे पहले अधिकतर बसें कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान ली गई थीं और तब दिल्ली के बस बेड़े में 6 हजार बसें थी। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में बस ट्रांसपोर्ट को बहुत अच्छा करने के साथ ही लोगों को अच्छी फ्रीक्वेंसी के साथ बसें उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्प हैं। वहीं, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली की बसें अब देश भर में सुरक्षित, सुलभ और सुविधाजनक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का उदाहरण पेश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि यह बसें दिल्ली के 9 रूटों पर चलेंगी। दिल्ली परिवहन विभाग के बेड़े में जेबीएम की 100 लो-फ्लोर एसी सीएनजी और बसें जुडऩे के बाद दिल्ली के लोगों का आवागमन और आसान हो गया है। इसके साथ ही, दिल्ली सरकार कुछ और सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें आने वाले दिनों में सडक़ पर उतारने जा रही है। जिसके बाद दिल्ली की परिवहन व्यवस्था और मजबूत हो जाएगी।
आने वाले दिनों में कई सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें आएंगी: केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी भी बसों का आना चालू है। हम और भी कई बसों खरीद रहे हैं। आने वाले समय में सीएनजी बसें आने वाली हैं, डीटीसी की भी बसें आने वाली हैं और अभी काफी इलेक्ट्रिक बसें भी आने वाली हैं। बसों को आने में थोड़ा समय लगता है। यह रातों-रात नहीं हो पाता है। टैंडर समेत अन्य प्रक्रिया पूरी करने में दो-तीन साल का समय लग जाता है। जब हमारी सरकार बनी थी, उस समय दिल्ली में बसों की बहुत ज्यादा कमी थी। कई साल से बसों की खरीद नहीं हुई थी। हमारी सरकार आने के बाद बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई और इस प्रक्रिया को पूरा करने में समय लगा और अब बसों का आना शुरू हो गया है। हम दृढ़ संकल्पित हैं कि दिल्ली के अंदर बस ट्रांसपोर्ट बहुत अच्छा हो और लोगों को अच्छी फ्रीक्वेंसी के साथ बसें मिल सकें।
लोगों को अच्छी कनेक्टिविटी देने के लिए लगातार कर रहे है प्रयास: गहलोत
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली हमारी जीवन रेखा है। सरकार परिवहन सिस्टम को मजबूत व कुशल बनाने के साथ लोगों को अच्छी कनेक्टिविटी देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इस साल दिल्ली परिवहन को बेहद मजबूत करने की हमारी योजना है। चाहे वह बस हो, मेट्रो हो या फिर बस डिपो का इंफ्रास्ट्रक्चर हो। इसके अलावा, हम दिल्ली के ट्रांसपोर्ट में इलेक्ट्रिक बसों को भी शामिल करने जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक की पहली बस आ चुकी है दिल्ली की सडक़ों पर चलने के लिए तैयार है। दिल्ली की बसें अब देश भर में सुरक्षित, सुलभ और सुविधाजनक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का उदाहरण पेश कर रही हैं। साथ ही, हम प्रत्येक दिल्लीवासी को किसी भी समय सुरक्षित लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए अपने पैरा ट्रांजिट सिस्टम का विस्तार कर रहे हैं।