नई दिल्ली- दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में कोरोना मरीजों की सेवा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले नर्सिंग ऑफिसर राजकुमार की पत्नी दर-दर भटकने को मजबूर है। बुजुर्ग माता-पिता और दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ बहुत मुश्किल से जिंदगी चला रही है। राजकुमार की पत्नी मीनल अग्रवाल का कहना है कि सरकार ने कोरोना वॉरियर्स के लिए सहायता राशि की घोषणा की थी। लेकिन, नौ महीने बीत जाने के बाद भी सहायता राशि की बात दूर, कोई सरकारी अधिकारी मिलने तक नहीं आया।
जबकि अन्य कई कोरोना वॉरियर्स को 15 से 20 दिनों के भीतर उनको सहायता राशि भी मिल गई और नौकरी भी दे दी गई। मीनल अग्रवाल का कहना है कि नौकरी के लिए अस्पताल के एमडी से भी मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने भी उसकी कोई बात नहीं सुनी। घर में कोई कमाने वाला नहीं है, बुजुर्ग माता-पिता और दो छोटे बच्चों का भरन पोषण कैसे करूं। सरकार को अन्य कोरोना वॉरियरों की तरह हमारी भी सहायता करनी चाहिए।