नई दिल्ली – विजयभूमि यूनिवर्सिटी की प्रमुख पहल कन्याथॉन का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करना है। इसे एसपी जैन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, मुंबई द्वारा प्रतिष्ठित एंगेजमेंट एंड इंपैक्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान एसपीजेआईएमआर के डेवलपमेंट ऑफ कॉर्पोरेट सिटीजनशिप विभाग द्वारा प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उन पहलों को दिया जाता है जो सामाजिक प्रभाव और जुड़ाव के बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।कन्याथॉन को यह सम्मान उसके महत्वपूर्ण योगदानों के लिए मिला, जिसे अंतरराष्ट्रीय जूरी ने कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद चुना। इस पहल ने अपने नवाचार और समाज पर गहरे प्रभाव के कारण कई अन्य प्रविष्टियों से खुद को अलग साबित किया। यह पुरस्कार कन्याथॉन की महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को उजागर करता है। इस प्रकार, कन्याथॉन सामाजिक बदलाव के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक स्तंभ बन गई है।कन्याथॉन की ओर से यह प्रतिष्ठित पुरस्कार विजयभूमि यूनिवर्सिटी की बोर्ड सदस्य कल्पना पडोडे ने ग्रहण किया। उन्होंने धन्यवाद देते हुए कहा, यह सम्मान कन्याथॉन की टीम और हमारे सहयोगी संगठनों की मेहनत का परिणाम है। यह हमें बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से समर्थन देने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है। यह पुरस्कार हमें और अधिक समुदायों तक पहुंचने और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।एसपीजेआईएमआर में आयोजित इस पुरस्कार समारोह में रैमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता और सफाई कर्मचारी आंदोलन के संस्थापक बेज़वाडा विल्सन ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने सामाजिक प्रगति में कन्याथॉन जैसी पहलों की भूमिका को रेखांकित किया। कन्याथॉन की पहलों में शामिल है,रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट्स की लड़कियों की शिक्षा के लिए सहयोग।उच्च शिक्षा के लिए 15 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान करना। पुणे, मुंबई, बेंगलुरु और कर्जत में 300 छात्रों को अंग्रेजी और कंप्यूटर का प्रशिक्षण देने वाले पांच कन्याथॉन शिक्षा केंद्र का संचालन।सीआरवाई, मैत्री बोध परिवार, मुंबई स्माइल्स और स्पर्श जैसे एनजीओ के साथ साझेदारी। अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ मिलकर बेंगलुरु के केएसके में छात्रों को एक साल तक मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराना।स्कूल की बच्चियों को रियूजेबल सैनिटरी नैपकिन वितरित करना, जिससे स्वास्थ्य और स्वच्छता पर जागरूकता बढ़ी है।कन्याथॉन ने इन प्रयासों से न केवल शिक्षा बल्कि स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के क्षेत्रों में भी समाज में बड़ा योगदान दिया है।