नई दिल्ली – भारत की पहली लिबरल प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, विजयभूमि यूनिवर्सिटी ने “फॉर नॉट फॉर” इंटरनेशनल इंटरस्कूल डिबेट प्रतियोगिता के पांचवें संस्करण की मेजबानी की। पिछले चार संस्करणों की शानदार सफलता के बाद प्रतियोगिता का पांचवां चरण आयोजित किया गया। विजयभूमि यूनिवर्सिटी का उद्देश्य इस प्रतियोगिता के माध्यम से युवा छात्रों में खुले विचारों को बढ़ावा देना और उन्हें आत्मविश्वास के साथ स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त करने के लिए प्रेरित करना था। “फॉर नॉट फॉर” एक वार्षिक आयोजन है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य दुनियाभर के युवा छात्रों को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर, उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार करने, खोजने, चर्चा करने और बहस करने का मौका देना है। इस कार्यक्रम में टॉप इंटरनेशनल और सीबीएसई स्कूलों का प्रतिनिधित्व कर रही देश के अलग-अलग शहरों, दिल्ली, जयपुर, मुंबई, कोलकाता, कोल्हापुर, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, नोएडा और पिलानी की 50 से ज्यादा टीमों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने अलग-अलग दृष्टिकोण से बोलने की प्रभावशाली और आकर्षक शैली का शानदार प्रदर्शन किया। सेमीफाइनल और फाइनल में 30 से ज्यादा फाइनलिस्ट मौजूद थे। इस महत्वपूर्ण आयोजन ने युवाओं को बेहतरीन मंच दिया, जहां उन्होंने अपने विचारों का आदान-प्रदान किया, आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा दिया और प्रभावशाली ढंग से बोलने की की जबरदस्त कला का प्रदर्शन किया।पहला पुरस्कार : नैंसी उप्पल और भाविनी खंडेलवाल, फर्स्ट रनरअप अदित उपाध्याय और यशवंत सिंह रहे। विजयभूमि यूनिवर्सिटी के इस कार्यक्रम में प्रो चांसलर डॉ. ए. परसुरामन और वाइस चांसलर डॉ. रविकेश श्रीवास्तव उपस्थित थे। उन्होंने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। सीनियर और जूनियर दोनों श्रेणियों में विजेताओं को 85,000 रुपये की पुरस्कार राशि दी गई, जबकि रनर-अप को इनाम के रूप में 45,000 रुपये प्रदान किए गए। विजयभूमि यूनिवर्सिटी की बोर्ड सदस्य, श्रीमती कल्पना पदोदे ने “फॉर नॉट फॉर” वाद-विवाद प्रतियोगिता के महत्व के बारे में बताया, एफएनएफ आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को यह समझने का अवसर देना था कि सामने वाले के विचार या तर्क भले ही उनके अपने विचारों से अलग या विपरीत हों, फिर भी उन्हें समझना और उन पर विचार करना जरूरी है। एफएनएफ वाद-विवाद प्रतियोगिता एक ऐसा अवसर प्रदान करती है, जहां युवा बिना किसी पूर्वाग्रह या पक्षपाती सोच के, समकालीन मुद्दों पर खुलकर बहस कर सकते हैं। इस मंच पर उन्हें अपने विचार और तर्क दूसरों के सामने रखने का मौका मिलता है, और वे अपने सहपाठियों के बीच इन विचारों को फैलाने का प्रयास कर सकते हैं।कम्युनिटी एंगेजमेंट मैनेजर उज्ज्वला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “फॉर नॉट फॉर इंटरनेशनल इंटरस्कूल डिबेट प्रतियोगिता एक ऐसा अनुभव था, जिसने सिर्फ विजेताओं पर ही नहीं, बल्कि विजयभूमि यूनिवर्सिटी में इस डिबेट में हिस्सा लेने वाले हर छात्र पर गहरी छाप छोड़ी। छात्र इस डिबेट में हिस्सा लेकर बहुत खुश थे क्योंकि इस आयोजन में उन्हें गहन सोच-विचार और हमारे कैंपस के शांत और खूबसूरत माहौल का बेहतरीन मेल देखने को मिला। छात्रों को अनुभवी जजों के साथ बातचीत करने और उनके विस्तृत और रचनात्मक फीडबैक से काफी लाभ मिला, जिसे सभी प्रतिभागियों ने खूब सराहा। छात्रों ने बताया कि एफएनएफ उनके लिए एक प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि कुछ नया सीखने, विचारों का आदान-प्रदान करने और आत्मविश्वास बढ़ाने का एक प्लेटफॉर्म था।