यूक्रेन में रूस के हमले के बीच, व्यावसायिक महाविद्यालयों में पढ़ रहे बंगाल के कई विद्यार्थी वहां फंस गए हैं और उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार ने अपनी सुरक्षित वापसी के लिए मदद मांगी है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इस पूर्वी यूरोपीय देश में अध्ययनरत राज्य के विद्यार्थियों की कुल संख्या अभी तक ज्ञात नहीं है और उसका आकलन किया जा रहा है। साउथ 24 परगना जिले के रायदिघी के अर्काेप्रोभो वैद्य एवं नॉर्थ 24 परगना जिले के बारासात के बृजेश घोष ने कीव मेडिकल कॉलेज के भूतल में शरण ले रखी है। दोनों ही वहां प्रथम वर्ष के विद्यार्थी हैं। पश्चिम बंगाल एवं भारत के अन्य भागों के विद्यार्थियों के साथ ही इन दोनों ने बताया कि बृहस्पतिवार को जब आसपास के क्षेत्रों में रूक-रूककर बमबारी की आवाज आने लगी तब उन लोगों से भूतल में चले जाने को कहा गया।
उन्होंने कहा, हम बहुत चिंतिंत हैं। हमें यहां रूकने को कहा गया है। हमसे भारतीय दूतावास ने कहा कि वे हमें सुरक्षित तरीके से यहां से निकालने की कोशिश कर रहे हैं। जब थोड़ी शांति होती है तो हम जरूरी चीजें खरीदने बाहर जाते हैं और हमें उनके लिए बहुत ऊंची कीमत देनी पड़ती है। ए दोनों ही अपने परिवारों के संपर्क में हैं क्योंकि उनके स्थान पर इंटरनेट कनेक्शन काम कर रहा है। उत्तरपूर्व यूक्रेन के खारकीव में एक अभियांत्रिकी संस्थान से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे दीपक सरकार और विभास हलदर ने कहा कि गोलाबारी बढ़ जाने पर उन्हें 100 अन्य भारतीय विद्यार्थियों के साथ भारतीय दूतावास ले जाया गया और एक भूमिगत बंकर में ठहराया गया। पूर्बा बर्धमान जिले के कालना के इन दोनों छात्रों ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मेरा अनुरोध है कि कृपया वहां से शीघ्र निकालने एवं स्वदेश वापसी में सहयोग करें। उन दोनों ने कहा कि दूतावास ने उन्हें सुरक्षित निकालने की संभावित तारीख के बारे में अभी कुछ नहीं बताया है। एक मेडिकल कॉलेज की छात्राएं जुड़वां बहनें रूमकी और झुमकी बंदोपाध्याय पिछले दो दिनों से खारकीव में फंसी हैं।
दुर्गापुर की रहने वाली इन दोनों बहनों के द्वारा भेजी गई तस्वीरों ने उनके परिवार को परेशान कर दिया है।रूंधे गले से उनकी मां ने कहा, हम बस इतना चाहते हैं कि हमारी बेटियां लौट आएं। वे दिसंबर में ही गई थीं और वे ठहरने के इंतजाम में जुटी थीं। लेकिन बृहस्पतिवार से चीजें बिगड़ गई हैं। अर्काेप्रोभो के पिता पलाश वैद्य ने कहा कि वह और उनकी पत्नी चिंता के मारे रात में सो नहीं पाते हैं। उन्होंने अपने एकमात्र पुत्र की सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों से वित्तीय मदद मांगी है और वापसी के लिए सभी पहल करने का अनुरोध किया है। यू्क्रेन में टर्नाेपोली स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में पांचवें वर्ष के छात्र पुष्पक सरनकार ने कहा कि उन्होंने 26 फरवरी के लिए विमान का टिकट बुक कराया था लेकिन अब पूरी संभावना है कि उड़ान रद्द हो जाएगी। पुष्पक सोनारपुर के रहने वाले हैं।