नई दिल्ली – संख्या बल के हिसाब से आप का जीतना तय था, लेकिन गुरुवार को चुनाव से पहले ही आप के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए. बात यही नहीं रुकी उसके बाद भी ये कयास लगाए जाने लगे कि आप के कुछ और पार्षद भी स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं. जिसका बीजेपी को लाभ मिलेगा.दिल्ली नगर निगम में कुल 250 पार्षद हैं. इन पार्षदों को स्टैंडिंग कमेटी के आखिरी सदस्य का चुनाव करना था. वहीं एक पार्षद के इस्तीफे के बाद एक सीट खाली थी, जबकि कांग्रेस के 9 पार्षदों ने वोट न डालने का फैसला लिया, इसके बाद पार्षदों की संख्या कम होकर 240 रह गई. यानी इन 240 पार्षदों में 121 पार्षद जिस उम्मीदवार को वोट देते वहीं स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य का चुनाव जीत जाता. एमसीडी में आप के पार 125 पार्षद हैं, जबकि बीजेपी के 115 हैं.वहीं स्टैंडिंग कमेटी चुनाव के मुद्दे पर आप संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, “एमसीडी के कानून में साफ-साफ लिखा हुआ है कि सदन की सिटिंग बुलाने का अधिकार केवल मेयर के पास है. सदन की सिटिंग उपराज्यपाल या कमिश्नर नहीं बुला सकते हैं. कल को लोकसभा की अध्यक्षता होम सेक्रेटरी से करवा देंगे.बता दें कि दिल्ली नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी मेंबर के चुनाव में कांग्रेस और आप के निगम पार्षदों ने मतदान नहीं किया. ये चुनाव दिल्ली नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर की अध्यक्षता में कराया गया. आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल के आदेश का विरोध करते हुए चुनाव का बहिष्कार किया और मतदान में शामिल नहीं हुई. गौरतलब है कि एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के एक सदस्य के लिए कराए गए चुनाव में बीजेपी ने सुंदर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था. वहीं आम आमदी पार्टी की ओर से निर्मला कुमारी चुनावी मैदान में थीं.सुंदर सिंह की जीत के साथ ही एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी बहुमत में आ गई. इसी के साथ ये साफ हो गया कि कमेटी का अध्यक्ष भी अब बीजेपी का ही होगा. बता दें कि स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में सुंदर सिंह को 115 वोट मिले जबकि उनके विरोध में 0 वोट पड़े.दिल्ली नगर निगम स्थायी समिति का चुनाव बीजेपी ने जीत लिया है. आम आदमी पार्टी आर बीजेपी के बीच तमाम विवादों और विरोध के बीच शुक्रवार को स्टैंडिंग कमेटी के अंतिम (18वें) सदस्य का चुनाव कराया गया. मतदान प्रक्रिया के बाद हुई वोटों की गिनती में बीजेपी ने जीत हासिल की. चुनाव परिणाम में बीजेपी प्रत्याशी सुंदर सिंह को विजेता घोषित किया गया.