नई दिल्ली – फैबलेस सेमीकंडक्टर डिजाइन स्टार्टअप माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीजने सीरीज ए फंडिंग राउंड में 8 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का सह-नेतृत्व रॉकेटशिप.वीसी और स्पेशल इन्व्हेस्ट द्वारा किया गया है। इसमें मेला वेंचर्स और मौजूदा निवेशकों पीक फिफ्टीन पार्टनर्स, निश्चय गोयल, और व्हाइटबोर्ड कॅपिटल ने भाग लिया है। इसके साथ ही, नए निवेशक अंशुल गोयल ने भी इस राउंड में अपनी भागीदारी दर्ज कराई है। इस पूंजी निवेश का उपयोग करके, कंपनी अपने कार्यबल का विस्तार करने और अपनी इन-हाउस इंजीनियरिंग क्षमताओं को बढ़ाने का इरादा रखती है। इस निवेश से कंपनी की पहली चिप के उत्पादन और बिक्री में भी तेजी आएगी।कंपनी ने इस साल की शुरुआत में, मई २०२४ में, “सिक्योर आयओटी” तकनीक पेश की थी। यह भारत की पहली व्यावसायिक-ग्रेड की उच्च-प्रदर्शनकारी माइक्रोकंट्रोलर एसओसी (सिस्टीम ऑन चिप) चिप है जो २८ एनएम पर टेप की गई है। इस चिप को घड़ियों, मीटरों, तालों और एक्सेस कंट्रोल डिवाइसों को स्मार्ट कनेक्टेड डिवाइसों में रुपांतर करने के लिए, तथा प्रिंटर और पीओएस मशीनों जैसे बिजली उपकरणों को पावर देने के लिए खास तौर से डिज़ाइन किया गया है। इस चिप २०२५ के मध्य तक बाजार में आने वाली है। इसके अलावा, माइंडग्रोव को “व्हिजन एसओसी” नामक एक नई चिप विकसित करने के लिए भारत सरकार की सेमीकंडक्टर डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के तहत १५ करोड़ रुपये तक की मंजूरी मिली है। इसका उपयोग उच्च प्रदर्शन एज कंप्यूटिंग और सीसीटीव्ही कैमरे, डॅशकॅम, वीडियो रिकॉर्डर, एडीएएस, स्मार्ट टीव्ही जैसे विज़न प्रोसेसिंग अनुप्रयोगों में किया जा सकता है।माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज के सीईओ शाश्वत टी आर ने कहा,हालिया निवेश और डीएलआय योजना हमारी थीसिस और क्षमताओं में विश्वास की पुष्टि करती है। भारत में सुरक्षा और एज-कम्प्युट के लिए आवश्यक सुविधाओं के साथ उच्च प्रदर्शन वाले एसओसी की मांग बढ़ रही है। हम इसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमने विशेष रूप से भारत में डिजाइन किए गए चिप्स को बाजार में लाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।कंपनी व्यवसाय विकास, इंजीनियरिंग, विनिर्माण और अनुप्रयोग इन सभी प्रभागों में अपने कार्यबल का विस्तार कर रही है।रॉकेटशिप.वीसी के मॅनेजिंग पार्टनर शैलेश रामकृष्णन ने कहा,माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज कंपनी भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र के भविष्य का प्रतिनिधित्व करती है। यह कंपनी उभरते भारत की जरूरतों के अनुरूप नवोन्मेषी समाधान पेश करती है। विश्व स्तरीय तकनीकी उत्कृष्टता तक पहुंचने के लिए माइंडग्रोव की यात्रा का हिस्सा बनने में हम रुचि रखते है; क्योंकि वे नवाचार, मापनीयता और निष्पादन को मिलाकर वास्तव में एक रॉकेटशिप बनाते हैं!स्पेशल इन्व्हेस्ट के मॅनेजिंग पार्टनर विशेष राजाराम ने कहा,अत्याधुनिक, स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए उत्पादों को पेश करके वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में क्रांति लाने के माइंडग्रोव के मिशन में शामिल होने पर आर उसके साथ अपनी साझेदारी मजबूत करने पर हमें गर्व है। माइंडग्रोव ने सफलतापूर्वक एक सिक्योर आयओटी एसओसी विकसित किया है जो उच्च-प्रदर्शन वाले माइक्रोकंट्रोलर की वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए नवाचार और लागत-प्रभावशीलता को प्रदर्शित करता है। एमईआयटीवाय द्वारा डीएलआय योजना के तहत माइंडग्रोव की परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद, कंपनी अब उच्च प्रदर्शन एज कंप्यूटिंग और सीसीटीव्ही कैमरे, डैशकैम, ऑटोमोटिव एडीएएस, स्मार्ट टीव्ही जैसे अनुप्रयोगों में वीडियो प्रोसेसिंग के लिए एक और आरआयएससी-व्ही एसओसी विकसित करने का काम कर रही है। हमारी फंडिंग माइंडग्रोव को उत्पाद विकास और बाजार में प्रवेश में तेजी लाने में सक्षम बनाएगी। इससे वैश्विक सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।इस स्टार्टअप को आयआयटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन और आयआयटी मद्रास इन्क्युबेशन सेल द्वारा इनक्यूबेट किया गया है। माइंडग्रोव भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उन्नत सुविधाओं के साथ उच्च प्रदर्शन वाले एसओसी डिजाइन करता है। माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज ने २०२३ की शुरुआत में, पीक फिफ्टीन पार्यनर्स (पूर्व में सिक्युरा कॅपिटल इंडिया), स्पेशल इन्व्हेस्ट और व्हाइटबोर्ड कॅपिटल से सीड फंडिंग में २.३२५ मिलियन डॉलर हासिल किए।