नई दिल्ली – मनाए जाने वाले विश्व धरोहर दिवस वर्ल्ड हेरिटेज डे के मौके पर, मॉन्यूमेंट मित्र डालमिया भारत ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में एक विशेष आयोजन किया। इसमें शामिल हुए लोगों को लाल किले के गौरवशाली इतिहास और खूबसूरत स्थापत्य कला से जुड़ी रोचक कहानियों के ज़रिए भारत की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का एक शानदार अनुभव मिला। पहला अनुभव लाल किले के लाहौरी गेट पर मिला, जहाँ इतिहासकार और कहानीकार अनस खानन (अनज़िप दिल्ली) ने एक विशेष हेरिटेज वॉक का नेतृत्व किया। इस वॉक के ज़रिए लोगों को लाल किले के कुछ ऐसे पहलुओं से अवगत कराया गया, जो आमतौर पर अनदेखे रह जाते हैं, जैसे- इसकी बनावट में छिपे प्रतीक, स्थापत्य पर पड़े प्रभाव और मुगल काल की भूली-बिसरी कहानियाँ। श्री खान ने बताया कि लाल किले की वास्तविक रचना फारसी डिज़ाइन और हिन्दू शिल्पशास्त्र के मेल से तैयार की गई थी, ताकि इसे ‘जन्नत’ यानि धरती पर स्वर्ग का रूप दिया जा सके। इस दौरान लोगों ने फूलों की डिज़ाइन और स्थानिक लेआउट जैसी बारीकियों को भी देखा, जो हमारे सांस्कृतिक और दार्शनिक मूल्यों को दर्शाती हैं। इसके बाद आगंतुक रेड फोर्ट विज़िटर सेंटर पहुँचे, जिसे 19वीं सदी की ब्रिटिश बैरक को सँवार कर बनाया गया है। यहाँ एक म्यूज़ियम, 360° इमर्सिव शो और ऑगमेंटेड रियलिटी फोटोग्राफी ज़ोन शामिल हैं, जो इतिहास को आज के समय के तौर पर पेश करते हैं। कार्यक्रम का समापन ‘जय हिंद’ लाइट एंड साउंड शो से हुआ, जहाँ प्रोजेक्शन मैपिंग, विशाल कठपुतलियों, लाइव परफॉर्मेंस और महानायक श्री अमिताभ बच्चन की आवाज़ ने दर्शकों को इतिहास की यात्रा कराई। मुगल दौर से लेकर आज़ाद भारत तक का सफर दिखाते इस शो ने दर्शकों में गर्व और जुड़ाव की गहरी भावना जगाई। इस पहल पर अपने विचार रखते हुए डालमिया भारत लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री पुनीत डालमिया ने कहा, “लाल किले के मॉन्युमेंट मित्र के तौर पर हमारा प्रयास यही है कि भारत की समृद्ध विरासत से आज की पीढ़ी को जोड़ा जाए और हमारी कहानियों को नए अंदाज़ में पेश किया जाए। हम चाहते हैं कि आज के युवा भी अपने इतिहास और उन किस्सों से जुड़ सकें, जो हमारे वजूद की जड़ हैं और हमें वह पहचान देते हैं, जिस पर हमें गर्व है। आज के वैश्विक दौर में भारत की अपनी एक विशेष पहचान है, जो हमारे मूल्यों, हमारी सफलता और हमारी जड़ों से जुड़ाव को दर्शाती है। हम चाहते हैं कि इन स्मारकों को सिर्फ इतिहास की निशानी न मानकर एक जीवंत सांस्कृतिक अनुभव का केंद्र के रूप में स्थापित किया जाए। और यह तभी मुमकिन है, जब सभी एक साथ मिलकर इस दिशा में कदम बढ़ाएँ। मॉन्युमेंट मित्र डालमिया भारत, लाल किले को विश्वस्तरीय विरासत स्थल के तौर पर पहचान दिलाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। रेड फोर्ट विज़िटर सेंटर और दिल को छू लेने वाला ‘जय हिंद’ साउंड एंड लाइट शो इसी पहल का हिस्सा है। डालमिया भारत द्वारा किए जा रहे ये प्रयास बीते कल और आज को एक कड़ी से जोड़ते हैं, ताकि लोग हमारी ऐतिहासिक धरोहर से जुड़ सकें, उसे महसूस कर सकें और गर्व के साथ आगे बढ़ा सकें।