नई दिल्ली- सरकार ने प्रौढ़ शिक्षा के सभी पहलुओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं वर्ष 2021-22 की बजटीय घोषणाओं से जोड़ते हुए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम नामक एक नई योजना को मंजूरी प्रदान की है। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को वित्त वर्ष 2022 से 2027 की अवधि के लिए मंजूरी प्रदान की गई है। मंत्रालय के बयान के अनुसार, इसमें प्रौढ़ शिक्षा के स्थान पर सभी के लिए शिक्षा रखा गया है। इसमें कहा गया है कि इस योजना के दायरे में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 15 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के सभी निरक्षर आएंगे। इसका मकसद वित्त वर्ष 2022-27 के दौरान 5 करोड़ शिक्षार्थियों को बुनियादी साक्षरता और अंक ज्ञान प्रदान करना है। इसे प्रति वर्ष एक करोड़ शिक्षार्थियों के हिसाब से रखा गया है जिसमें आनलाइन शिक्षण, पठन-पाठन और मूल्यांकन प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए कुल अनुमानित आवंटन 1037.90 करोड़ रूपया है जिसमें वित्त वर्ष 2022-27 के दौरान केंद्र का हिस्सा 700 करोड़ रूपए और राज्य का हिस्सा 337.90 करोड़ रूपया होगा।