नई दिल्ली- सीबीएम इंडिया ट्रस्ट ने अपने एकसहभागीनिगमित(कॉर्पोरेट) की सीएसआरपहल के अंतर्गत दिल्ली में एक प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र (अर्ली इंटरवेंशन हब) की स्थापना की है। यह केंद्र 0 से 10 वर्ष की आयु के ऑटिज़्म और बौद्धिक विकलांगता वाले बच्चों का समर्थन करेगा और अन्य प्रकार की विकलांगताओं वाले बच्चों के लिए भी सहयोग प्रदान करेगा, जिससे उन्हें आजीवन सीखने, बेहतर जीवन गुणवत्ता और समाज में पूर्ण भागीदारी की मज़बूत नींव मिले। सीबीएम इंडिया के कार्यकारी निदेशक, श्री सोनी थॉमस ने कहा, बचपन के शुरुआती वर्षों से बच्चे का भविष्य आकार लेता है।सीबीएम इंडिया में, हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि विकलांगता वाले बच्चों को वह समर्थन मिले, जिसकी उन्हें सबसे अधिक आवश्यकता है।हमारा नया प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र तीन मुख्य सिद्धांतों पर कार्य करता है समुदाय स्तर पर प्रारंभिक पहचान, हमारे केंद्र में बहु-विषयक टीम (मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम) द्वारा पेशेवर सेवाओं की उपलब्धता, औरघरघर तक पहुँचने वाले माता-पिता सशक्तिकरण कार्यक्रम। इस समग्र दृष्टिकोण का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को मुख्यधारा की शिक्षा में सम्मिलित होने और समाज में पूर्ण भागीदारी के लिए तैयार करना है।इस अवसर पर उपस्थित दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) सरकार के पूर्व विकलांगता आयुक्त एवं भारत सरकार के पूर्व उप-आयुक्त (डिप्टी कमिश्नर) श्री टी. डी. धारियाल ने व्यक्तकिया,अक्सर, विकासात्मक विलंब और विकलांगता की पहचान तब होती है जब पहले ही बहुमूल्य समय व्यर्थ हो चुका होता है। इसलिए, प्रारंभिक पहचान अत्यंत आवश्यक है।जितनी जल्दी हम किसी बच्चे की आवश्यकताओं को समझेंगे, उतनी ही प्रभावी रूप से हम उन्हें सही हस्तक्षेप (इंटरवेंशन) प्रदान कर सकते हैं। इसके साथ ही, परिवारों को सही संसाधन और ज्ञान देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जिससे वे अपने बच्चे की पूर्ण क्षमता को प्राप्त करने में मदद कर सकें। मैं सीबीएम इंडिया ट्रस्ट को इस महत्वपूर्ण पहल के लिए बधाई देता हूँ, जो समुदाय में बच्चों और उनके परिवारों की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा। प्रारंभिक बचपन हस्तक्षेप (अर्ली चाइल्डहुड इंटरवेंशन) विकलांगता वाले बच्चों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इससे सीखने की क्षमता और जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है। इस केंद्र के माध्यम से स्थानीय अस्पतालों और आंगनवाड़ी केंद्रों के सहयोग से नियमित जांच शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिससे विकलांगता औरविकासात्मक विलंब (डेवलपमेंटल डिले) की शीघ्र पहचान हो सकेगी। पहचान होने के बाद, प्रत्येक बच्चे को व्यापक मूल्यांकन प्राप्त होगा, जिससे उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को समझकर उनके लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप योजना (इंडिविजुअलाइज़्ड इंटरवेंशन प्लान) तैयार की जाएगी।इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए अनुभवी विशेषज्ञों सहित व्यावसायिक चिकित्सक (ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट), विशेष शिक्षक (स्पेशल एजुकेटर्स), भौतिकचिकित्सक (फिजियोथेरेपिस्ट) और वाणीऔरभाषाचिकित्सक (स्पीच और लैंग्वेज थेरेपिस्ट) मौजूद रहेंगे। इसके अतिरिक्त, यह केंद्र माता-पिता को परामर्श (काउंसलिंग) और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त बनाएगा, जिससे वे अपने बच्चों के विकास में घर पर ही सक्रिय भूमिका निभा सकें। दक्षिणपुरी में स्थित सीबीएम इंडिया का यह प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र उन क्षेत्रों में मुफ्त सेवाएँ प्रदान करेगा, जहाँ विशेष देखभाल की लागत आमतौर पर परिवारों की पहुँच से बाहर रही है। इस पहल का लक्ष्य विकलांगता वाले बच्चों को उनके विकास के महत्वपूर्ण वर्षों में सहायता प्रदान करना है, जिससे वे सीखने, संवाद करने, अपने परिवेश के साथ जुड़ने और समग्र रूप से अपने स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार कर सकें।