नई दिल्ली- मेनिन्जाइटिस, जिसे ब्रेन फीवर के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर और टीके से रोकथाम योग्य संक्रमण है, जो विशेष रूप से बच्चों के लिए महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंता का कारण बनता है। मेनिन्जाइटिस, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली झिल्लियों (मेनिन्जीस) में सूजन के कारण होता है। यह आमतौर पर बैक्टीरिया, फंगस या वायरस संक्रमण से उत्पन्न होता है। आम लक्षणों में गर्दन में अकड़न, बुखार, भ्रम या मानसिक स्थिति में बदलाव, सिरदर्द, मतली और उल्टी शामिल हैं। कम सामान्य लेकिन गंभीर लक्षणों में दौरे पड़ना, कोमा और तंत्रिका संबंधी हानि (जैसे सुनने या देखने में कमी, संज्ञानात्मक समस्याएँ या अंगों में कमजोरी) शामिल हैं। मधुकर रेनबो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, मालवीय नगर, दक्षिण दिल्ली के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन डॉ. पवन कुमार बताते हैं, मेनिन्जाइटिस के टीके वर्तमान और भविष्य दोनों स्वास्थ्य के लिए सुरक्षा प्रदान करते हैं। उच्च जोखिम वाले समूह छात्र, यात्री और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग को समय पर टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए। संक्रमण से जूझने की तुलना में टीकाकरण के माध्यम से रोकथाम कहीं अधिक सरल और प्रभावी है।इस घातक बीमारी से बचाव के लिए इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (IAP) 9 से 23 महीने के बच्चों के लिए मेनिन्ज़ोकोकल वैक्सीन की 2-डोज़ अनुसूची और 2 वर्ष से अधिक उम्र के उच्च जोखिम वाले बच्चों के लिए एकल डोज़ की सिफारिश करती है। यदि आपका बच्चा 9 महीने या उससे अधिक का है, तो सुनिश्चित करें कि उसे इनवेसिव मेनिन्ज़ोकोकल डिज़ीज़ से बचाव का टीका अवश्य मिले।
