नई दिल्ली- आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा शासित एमसीडी पर डीबीसी कर्मचारियों को बार-बार नौकरी पक्की करने का झूठा आश्वासन देकर गुमराह करने का आरोप लगाया है। आप नेता और विधायक सोमनाथ भारती का कहना है कि साउथ एमसीडी ने खुद स्वीकारा कि डीबीसी कर्मचारी पिछले 22 सालों से निरंतर सेवा दे रहे हैं। लेकिन भाजपा की कुनीतियों और गंदी नियत ने कर्मचारियों का बुरा हाल कर रखा है। सोमनाथ भारती ने कर्मचारियों को आश्वासन देते हुए कहा कि सिर्फ 2 महीनों की बात है, जनता के अनुसार इस बार एमसीडी में आम आदमी पार्टी की जीत होगी। उसके बाद जिस प्रकार से अरविंद केजरीवाल की प्रो-पीपल पॉलिसी ने जल बोर्ड के 700 कर्मचारियों को पक्का किया है, डीबीसी कर्मचारियों को भी जल्द नियमित किया जाएगा। रविवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आप नेता ने कहा कि जब-जब दिल्ली में कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या शुरू होती है, चाहे वह कोरोना हो, डेंगू हो, चिकनगुनिया हो, ऐसे में डीबीसी कर्मचारी यानी कि डॉमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर ऐसी परिस्थिति का जायजा लेते हैं। पूरे कोरोनाकाल में उन्होंने अपनी जान को दांव पर लगाकर काम किया है। हर कर्मचारी का एक सपना होता है कि हमारी नौकरी पक्की कर दी जाए। नौकरी पक्का करना तो छोड़ दीजिए, भाजपा ने उन्हें कोई पद तक नहीं दिया। आज मैं आपको दिखाऊंगा कि इन्होंने गंदी राजनीति की पीएचडी हासिल कर रखी है। किस प्रकार से कुनितियों और भ्रष्टाचार में पीएचडी हासिल होती है, कोई व्यक्ति भाजपा से सीखे। सोमनाथ भारती ने कहा कि तीनों निगमों को मिला लें तो डीबीसी कर्मचारियों की कुल संख्या 3500 है। निगम ने खुद माना है कि डीबीसी कर्मचारी लगातार उनकी सेवा करते रहे हैं। इसके बावजूद इन्होंने अभी भी नियम बनाए जाने की बात लिखी है। मतलब वह अभी भी कर्मचारियों को नियमित करने की बात नहीं कर रहे हैं। यह इनकी गंदी राजनीति का एक बड़ा सबूत है कि आज तक डीबीसी नाम का कोई पोस्ट नहीं है। एक बात बता दूं कि डीबीसी कर्मचारियों को जो न्यूनतम वेतन मिल रहा है, वह भी इसलिए कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में न्यूनतम वेतन अनिवार्य कर रखा है। अगर वह नहीं होता तो इनकी स्थिति क्या होती, आप अंदाजा लगाइए। वहीं, साउथ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान ने कहा कि ‘ऐसा कोई सगा नहीं जिसको बीजेपी ने ठगा नहीं। भाजपा ने खुद स्वीकारा कि वह पिछले 15 सालों से डीबीसी कर्मचारियों से सेवा ले रहे हैं और उसके पहले 7 साल और उन्होंने जनता की सेवा की है। इसके बाद भी भाजपा ने इन्हें कोई सुविधा दी है। दुनिया इतनी हाइटेक हो गई है लेकिन डीबीसी कर्मचारियों को आज भी पि_ू पंप लेकर घूमना पड़ता है। जिसके पीछे पानी गिरता है, जिसके कारण कर्मचारियों की पीठ जल जाती है। मास्क तक उन्हें अपने पैसों से खरीदना पड़ा। अगर वह काम करते हुए ऊंचाई से गिर जाएं या एक्सिडेंट हो जाए, तो इसकी जिम्मेदारी लेने वाला भी कोई नहीं है। इसकी सुविधा भी उन्हें प्राप्त नहीं है। 22 साल हो गए हैं उन्हें काम करते हुए लेकिन भाजपा ने उनके लिए कुछ नहीं किया। हर बार दिवाली पर उन्हें पक्का करने की बात कही जाती है। पक्का करना तो छोड़ा, सम्मानजनक पद तक नहीं मिल रहा है।