नई दिल्ली- सरकार ने दिल्ली के पांच हजार पार्कों में डिसेंट्रलाइज्ड विकेंद्रीकृत एसटीपी बनाने जा रही है। फिलहाल, दिल्ली में पांच स्थानों पर दिल्ली जल बोर्ड  डिसेंट्रलाइज्ड एसटीपी के विभिन्न मॉडलों का संचालन कर रही है। सरकार का लक्ष्य डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी के जरिए दिल्ली के 5 हजार से ज्यादा पार्कों में पानी की सिंचाई की समस्या का समाधान करना है। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर सीवेज के पानी का उपचार करना और इसका उपयोग बागवानी के लिए करना है। उपचारित पानी पौधों के लिए खाद का काम भी करेगा। बता दें कि जल मंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने निर्माणाधीन कार्य का निरीक्षण करने के लिए मॉडल टाउन स्थित एक पार्क का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को पार्क के मौजूदा खाली पड़े स्थान का उपयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी सौंदर्य की दृष्टि से भी सुंदर दिखना चाहिए, ताकि लोग पार्क में आकर शांति का अनुभव भी कर सकें। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सुविधा से समझौता नहीं होना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए एक उचित सिस्टम बनाया जाना चाहिए। सरकार पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर अभी दिल्ली के 5 प्रमुख स्थानों पर इन डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी का निर्माण कर रही है। जिसमे शेख सराय-एक, शेख सराय- दो, संदेश विहार, अशोक विहार और मॉडल टाउन शामिल है। इन डिसेंट्रलाइज्ड- एसटीपी को अपशिष्ट जल के उपचार के लिए एक स्थायी और लागत प्रभावी विकल्प के रूप में माना जा सकता है। सरकार का लक्ष्य डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी के जरिए इन पार्कों में सिंचाई के लिए पानी की समस्या का समाधान करना है। इन पांच हजार पार्कों में जहां डी.-एसटीपी बन रहे हैं, वहां सिंचाई के पुराने तरीकों को बदला जाएगा। इन पार्कों में परंपरागत रूप से पाइप लाइन की छोटी फिटिंग होती है, जिससे पानी ओवर-फ्लो होकर पीने के पानी में मिल जाता है और पानी को दूषित कर देता है। नए डिसेंट्रलाइज्ड- एसटीपी जल प्रदूषण की इस समस्या का समाधान करेंगे। पुनर्चक्रित पानी का उपचार करने के बाद पार्कों में सिंचाई के लिए आसानी से पुन: उपयोग किया जा सकता है, जिससे कीमती भूजल की बचत होगी और आपूर्ति के लिए किसी अतिरिक्त पाइप लाइन की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, डिसेंट्रलाइज्ड- एसटीपी खाद की खरीद पर खर्च होने वाली राशि की बचत भी करेंगे, क्योंकि उपचारित पानी में सभी आवश्यक पोषक तत्त्व होंगे और इस प्रकार किसी अतिरिक्त उर्वरक या खाद की आवश्यकता नहीं होगी। वर्तमान में, बागवानी के लिए आवश्यक पानी भूजल से ट्यूबवेल के जरिये निकाला जाता है, जिसमे बहुमूल्य भूजल का इस्तेमाल होता है। डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी के निर्माण से उपचारित पानी का उपयोग बागवानी के लिए किया जाएगा और भूजल पर निर्भरता कम होगी। इस प्रकार धीरे-धीरे घट रहे भूजल स्तर को संरक्षित किया जाएगा।