कोलकाता- पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व महासचिव पार्थ चटर्जी ने सीबीआई की एक विशेष अदालत को बताया कि शिक्षा मंत्री की हैसियत से राज्य में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में उनकी कोई भूमिका नहीं रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अनियमितताओं के लिए पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा,मैं नियुक्ति प्राधिकारी नहीं था। मैं सिर्फ मंत्री था। मैं इस तरह की अनियमितताओं का समर्थन नहीं करता और भविष्य में भी उनका समर्थन नहीं करूंगा। आयोग और बोर्ड के अपने नियम हैं, जिनका वे पालन करते हैं। भले ही डब्ल्यूबीएसएससी राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए चयन प्राधिकरण है, लेकिन यह नियुक्ति प्राधिकरण नहीं है। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग बोर्ड को अनुशंसा पत्र भेजता है, जो फिर सिफारिशों के अनुसार और रिक्तियों की संख्या के अनुसार उम्मीदवारों की नियुक्ति करता है। चटर्जी ने कुछ बोलने के लिए पांच मिनट का समय मांगा। हालांकि, उन्हें इसके लिए समय नहीं दिया गया। उन्हें 23 मार्च को फिर से उसी अदालत में पेश किया जाएगा और तब उन्हें बोलने की अनुमति दी जाएगी।