नई दिल्ली- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक, इसके प्रवर्तकों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा तथा अन्य के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में यहां की एक अदालत में नया आरोप पत्र दाखिल किया है। ईडी ने कहा है कि बृहस्पतिवार को यहां राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया और अदालत ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत अभियोजन की शिकायत का संज्ञान लिया। ईडी ने कहा है कि आरोप पत्र में संजय चंद्रा, अजय चंद्रा, रमेश चंद्रा (संजय-अजय के पिता और यूनिटेक समूह के संस्थापक), प्रीति चंद्रा (संजय चंद्रा की पत्नी), राजेश मलिक (आरोपी कंपनी कार्नाेस्टी ग्रुप के प्रवर्तक) और 66 घरेलू और विदेशी कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। फिलहाल पांचों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। एजेंसी द्वारा आरोपियों के खिलाफ यह दूसरा आरोप पत्र दाखिल किया गया है। पहला आरोपपत्र पिछले साल दो दिसंबर को दाखिल किया गया था। ईडी ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दायर दिल्ली पुलिस की दो प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद छह जून 2018 को समूह, इसके प्रवर्तकों और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 43 छापे मारे हैं, 11 कुर्की आदेश जारी किए हैं, जिसमें अब तक कुल 763 करोड़ रुपए की 297 घरेलू और विदेशी संपत्तियां शामिल हैं। अन्य आरोपी कंपनियों जैसे कार्नाेस्टी ग्रुप, शिवालिक ग्रुप, त्रिकार ग्रुप के साथ-साथ चंद्रा से जुड़ी निजी और छद्म कंपनियों की संपत्तियां जब्त की गई हैं। ईडी ने कहा कि इस मामले में पाया गया अपराध से अर्जित कुल रकम 6,352 करोड़ रुपए है और उसने शीर्ष अदालत के समक्ष पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत की जा रही जांच के संबंध में पांच स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल की है।