नई दिल्ली- भारत के डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री यानी प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने वार्षिक तौर पर 19,000 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. भारत में साल 2021-2022 में प्रत्यक्ष बिक्री को लेकर प्रकाशित किये गये वार्षिक सर्वे के‌ डाटा के अनुसार, पिछले साल के मुक़ाबले साल 2021-2022 में इसमें 5.3% की वृद्धि दर्ज की गई है. यह रपट इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन द्वारा आज सुबह जारी की गई है साल 2021-2022 में भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग का कारोबार बढ़कर 19,020 करोड़ रुपये हो गया है. वित्तीय वर्ष 2020-2021 में इसका कुल कारोबार 18,067‌ करोड़ रुपये था जो साल 2020-22 में 953 करोड़ रुपये बढ़कर इस साल कुल 19,020 करोड़ रुपये हो गया है. ग़ौरतलब है कि वित्तीय 2021-2022 कोविड-19 के प्रभाव में गुज़रा जिससे देश की व्यापारिक संभावनाओं पर ख़ासा असर देखा गया. कोरोना काल में  लोगों की आय और उनकी ख़रीदने की क्षमता पर भी ख़ासा प्रभाव पड़ा. इससे FMCG सेक्टर और रीटेल सेक्टर दोनों बुरी तरह से प्रभावित हुड. मगर आर्थिक और सामाजिक मुश्क़िलों के इस दौर में भी भारत में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री का परफॉर्मेंस काफ़ी तगड़ा रहा और उसने अपनी व्यापारिक संभावनाओं से सभी को चौंकाया भारतीय डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री की ओर से 13% की चक्रवर्ती वार्षिक बढ़त दर (CAGR) की वृद्धि दर्ज़ की. 2017-2018 में इसका कुल कारोबार 11,650 करोड़ रुपये था जो साल‌ 2021-22 में 19,020 करोड़ रुपये तक पहुंच गया साल 2021-2022 में प्रत्यक्ष  उत्पादों की बिक्री में वेलनेस और प्राकृतिक उत्पादों का योगदान 55% तक‌ रहा जबकि कॉस्मैटिक व पर्सनल केयर उत्पादों की हिस्सेदारी 22% रही. उल्लेखनीय है कि भारत में सक्रिय प्रत्यक्ष विक्रेताओं की कुल संख्या 84 लाख है. 2020-21 में यह संख्या 79 लाख थी जो अगले वित्तीय वर्ष में 6% तक बढ़ गई है. इस इंडस्ट्री में‌ प्रत्यक्ष पुरुष विक्रेताओं की संख्या 56% तो वहीं महिला प्रत्यक्ष विक्रेताओं की तादाद 44% है. इस लैंगिंग अनुपात में 3% का‌ बदलाव देखा गया है जो पुरुषों के पक्ष में गया है. साल 2020-2021 में प्रत्यक्ष पुरुष विक्रेताओं की संख्या 53% और महिला प्रत्यक्ष विक्रेताओं कॊ संख्या 47% हुआ करती थी वार्षिक सर्वे रपट को जारी किये जाने के मौके पर वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत में प्रत्यक्ष बिक्री के स्टेटस के बारे में इंडिया डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री रजत बैनर्जी ने कहा,प्रत्यक्ष बिक्री के लिहाज़ से भारत को एक संभावनाओं वाला देश माना जाता है. पिछले पांच सालों में CAGR में 13% की बढ़िया वृद्धि से इसे अच्छी से समझा जा सकता है. मुझे इस बात की बेहद ख़ुशी है कि इंडस्ट्री को होनेवाली सकल आमदनी में IDSA की सदस्य कंपनियों का योगदान 55% है.‌ इंडस्ट्री से संबंधी पॉलिसी को लेकर स्पष्टता के लिए हम सरकार, ख़ासकर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के बेहद शुक्रगुज़ार हैं उल्लेखनीय है कि डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री एक ऐसा सेक्टर है जो हमेशा से लोगों को बड़े पैमाने पर रोज़गार मुहैया कराने में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है. इसके द्वारा 84 लाख भारतीयों को लघु स्तर पर कामकाज़ प्रदान करने और स्टार्ट अप की शुरुआत कराने‌ में अहम योगदान दिया है. भारत में वेलनेस और प्राकृतिक पर्दार्थों के बने उत्पादों का प्रत्यक्ष बिक्री में 59% का योगदान रहा है जबकि इस बिक्री में कॉस्मैटिक और पर्सनल‌ केयर से जुड़े उत्पादों का‌ योगदान 22% रहा. पिछले तीन वित्तीय वर्षों से आइपोस स्ट्रैटिजी3 वार्षिक रपट जारी करने में नॉलेज पार्टनर के नाते जुड़ा रहा है भारत में प्रत्यक्ष तौर पर बिक्री के लिए बनी एक स्वायत्त और आत्मनियामक संगठन का नाम है द इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (IDSA). यह एसोसिएशन भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग से संबंधित इंडस्ट्री पॉलिसी बनाने वाली तमाम सरकारी संस्थाओं के बीच एक समन्वयक के तौर पर काम करता है.ग़ौरतलब है कि IDSA एक अर्से से भारत में प्रत्यक्ष बिक्री के पक्ष में अनुकूल वातावरण बनाने के लिए भी निरंतर प्रयासरत है. इसके लिए वह संबंधित इंडस्ट्री और सरकारी संस्थाओं के साथ एडवाइज़री और कंसल्टेशन‌ के आधार पर‌ साझेदारी भी करती है. इतना नहीं, IDSA सरकारी संस्थानों के साथ मिलकर पॉलिसी संबंधी मामले पर काम करती है जिससे डायरेक्ट सेलिंग में प्रभावी ढंग से बढ़ोत्तरी हो, इसमें‌ स्पष्टता आए और साथ ही इसकी विश्वसनीयता में भी वृद्धि हो.