हैदराबाद- तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव शनिवार को यहां हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी के दौरान अनुपस्थित रहे।अगवानी के दौरान मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि राव प्रोटोकॉल का पालन करने में विफल रहे और उन्होंने प्रधानमंत्री का अपमान किया। मोदी 11वीं सदी के संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी राष्ट्र को समर्पित करने और अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय के लिए अंतरराष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान आईसीआरआईएसएटी) की 50वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत करने आए हैं। राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और तेलंगाना के मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव उन वीआईपी लोगों में शामिल थे, जिन्होंने हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की। राव के आधिकारिक निवास प्रगति भवन के सूत्रों ने  बताया कि मुख्यमंत्री की तबीयत ठीक नहीं है, क्योंकि वह बुखार से पीड़ित हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक पत्र में कहा गया कि तलसानी श्रीनिवास यादव को आज दौरे के दौरान प्रधानमंत्री के आगमन और प्रस्थान के समय उनका स्वागत करने और विदा करने के लिए नामित किया गया है। इस बीच, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने हवाई अड्डे पर राव की अनुपस्थिति पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से इस तरह के खोखले बहाने का हवाला देना शर्मनाक है। कुमार ने कहा, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहते हैं, क्योंकि पूरा देश प्रधानमंत्री के बारे में राव द्वारा कही गई बात से खफा है। उन्होंने सवाल किया, राव, क्या यही आपकी संस्कृति है? आप दावा करते हैं कि आपने 80,000 किताबें पढ़ी हैं। क्या आपने उनसे यही सीखा है? कुमार ने कहा, प्रधानमंत्री का अपमान पूरे देश का अपमान है। राव अभद्र भाषा इस्तेमाल करने के बाद अब मोदी का सामना करने से डर रहे हैं। केंद्रीय बजट 2022-23 को गोलमाल बजट बताते हुए राव ने हाल में दावा किया था कि यह लोगों के खिलाफ विश्वासघात है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों देश को अपनी क्षमता का एहसास कराने में विफल रही हैं। साथ ही कहा था कि वह गुणात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में प्रयास करेंगे। राव ने दावा किया था कि मोदी बहुत अदूरदर्शी प्रधानमंत्री हैं, क्योंकि बजट में गुजरात के गिफ्ट सिटी में विवाद समाधान के लिए एक मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है, जबकि ऐसा केंद्र पहले से ही हैदराबाद में स्थापित किया जा रहा है।