नई दिल्ली- दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार के दो साल के कार्यकाल को दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली के लिए विनाश काल कहा है। उन्होंने कहा कि इस दौरान विकास का कोई कार्य नहीं हुआ। दिल्ली को कोरोना काल में असहाय हालत में मरने के लिए छोड़ दिया गया। हर मोर्चे पर दिल्ली सरकार पूरी तरह असफल साबित हुई। बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली ने पिछले दो सालों को ऐसे दौर के रूप में गुजारा है जिसकी दर्दनाक यादें आने वाली पीढिय़ों के दिमाग में बसी रहेंगी। कोरोना काल के दौरान दिल्ली सरकार कहीं नजर नहीं आई। जनता को न अस्पतालों में बेड मिले, न दवाइयां मिलीं, न वेंटिलेटर मिले, न ऑक्सीजन मिली और न ही एम्बुलेंस तक मिलीं। दिल्ली सरकार के मुखिया सिर्फ अपने प्रचार में व्यस्त रहे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता के साथ कई वादे किए लेकिन इन सालों मे दिल्ली पर दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी होने का कलंक लग गया। दिल्ली का पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह ध्वस्त नजर आया। सात सालों में डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस नहीं आई। दिल्ली में एक भी नया सरकारी स्कूल या कॉलेज नहीं खोला गया। दिल्ली को कोई नया फ्लाईओवर प्रोजेक्ट नहीं मिला। दिल्ली की सडक़ों का इतना बुरा हाल है कि हर तरफ धूल उडती नजर आती है। नई सडक़ें बनाना तो दूर, पुरानी सडक़ों की मरम्मत भी केजरीवाल सरकार नहीं करा पाई। दिल्ली में यमुना में डुबकी लगाने का वादा मुख्यमंत्री ने किया था लेकिन यमुना सिर्फ गंदा नाला बनकर रह गई है। बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में 60 लाख से ज्यादा लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं लेकिन दिल्ली सरकार न तो इन लोगों के राशन कार्ड बनवा पाई और न ही उन्हें राशन उपलब्ध करा पाई। बेसहारा बुजुर्गों और महिलाओं की पेंशन चार साल से बंद पड़ी है लेकिन केजरीवाल सरकार को इनकी कोई सुध नहीं है। बिधूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को दिल्ली के लिए फुरसत ही नहीं है। वह कई महीनों से दूसरे राज्यों के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।