कपूरथला- कालका-शिमला हेरिटेज लाइन पर ट्रेन सुविधा का इस्तेमाल करने वालों को जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्रा करने का मौका मिल सकता है। इन कोच की छतें कांच की और खिड़कियां बड़ी होंगी, जिनसे यात्री मनोरम मार्ग का नजारा ले सकेंगे।अधिकारियों ने कहा कि यहां रेल कोच फैक्ट्री आरसीएफ में इन कोच का उत्पादन शुरू हो गया है और इनके अगले महीने तक तैयार हो जाने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि इन कोच को सेवा में लाने से पहले कालका-शिमला मार्ग पर इसका परीक्षण किया जाएगा।पिछले साल दिसंबर में कालका-शिमला हेरिटेज रेल लाइन पर दो प्रोटोटाइप कोच के सफल गति परीक्षण के बाद विस्टाडोम नैरो गेज कोच का उत्पादन शुरू हुआ।आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल ने यह बताया कि इनमें से चार कोच फरवरी के पहले हफ्ते में तैयार होने की संभावना है।उन्होंने कहा कि शुरुआत में चार कोच- एसी वातानुकूलित एग्जीक्यूटिव कार 12 सीट, एसी चेयर कार 24 सीट, नॉन-एसी चेयर कार 30 सीट और एक पावर-सह-सामान और गार्ड कार का निर्माण किया जाएगा और उन्हें 96 किलोमीटर लंबे कालका-शिमला रेल पटरी पर आगे के परीक्षण के लिए अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त की मंजूरी के बाद इन कोच को सेवा में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनको हरी झंडी दिखाने की तारीख रेलवे बोर्ड द्वारा तय की जाएगी।अग्रवाल ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने आरसीएफ से कालका-शिमला लाइन के लिए 30 विस्टाडोम कोच बनाने के लिए कहा है और कांगड़ा वैली लाइन के लिए इन डिब्बों के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है। अग्रवाल ने कहा कि विस्टाडोम कोच स्विट्जरलैंड की बर्निना एक्सप्रेस की तरह दिखेंगे, जो एक पर्वतीय रेल लाइन पर चलती है।