भारत की अर्थव्र्थ यवस्था नेअनेक उच्चों और नि चलों को देखा है। आज, हमारा लक्ष्य हैउसेपांच ट्रि लि यन डॉलर
तक पहुंचाना। यह एक बहुत बड़ा लक्ष्य है, लेकि न यह असभं व नहीं है। आइए, हम सीधेबात करतेहैंकि हम कैसे
इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकतेहैं।
1. उद्यमवत्तिृत्ति का उत्थान: भारत मेंउद्यमवत्तिृत्ति को बढ़ावा देनेकी आवश्यकता है। सरकारेंनए और वि कासशील
उद्यमों के लि ए वि शषे अनदुान, सोपेऔर प्रोत्साहन उपलब्ध करा सकती हैं।
2. शि क्षा और कौशल वि कास: यवु ा पीढ़ी को नई और प्रासगिं गिक कौशल सीखनेके लि ए प्रोत्साहि त करनेकी
आवश्यकता है। यह न केवल उन्हेंरोजगार प्राप्त करनेमेंसहायता करेगा, बल्कि उन्हेंउद्यमशीलता मेंभी
बढ़ोतरी करेगा।
3. प्रौद्योगि की का उपयोग: भारत को प्रौद्योगि की और डि जि टलकरण के बारेमेंगभं ीरता सेसोचनेकी
आवश्यकता है। इससेन केवल उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी पदै ा होंगे।
4. कृषि सधु ार: आधी सेअधि क भारतीय जनसख्ं या कृषि पर नि र्भरर्भ है। कृषि खेत्र मेंसधु ार और नवीनीकरण सेहम
इस खेत्र की वद्ृधि को बढ़ावा देसकतेहैं।
5. नि वेशकों को आकर्षि तर्षि करना: अतं र्रा ष्ट्रीय और स्थानीय नि वेशकों को आकर्षि तर्षि करनेके लि ए व्यापारीय
वातावरण को सधु ारनेकी जरूरत है। हमेंएक नि वेशक-मि त्र नीति अपनानी चाहि ए।
6. नीति यों की सरलता: सरकार को व्यापार, नि वेश, नि र्मा ण, और अन्य क्षेत्रों मेंनीति यों को सरल और स्पष्ट
बनानेकी आवश्यकता है।
7. न्यायि क सधु ार: भारत मेंन्यायि क प्रणाली की सधु ार की आवश्यकता है। तात्कालि क और नि ष्पक्ष न्याय से
व्यापारि यों और नि वेशकों की वि श्वसनीयता बढ़ेगी।
यह कुछ साधारण तरीके हैंजि नसेहम भारतीय अर्थव्र्थ यवस्था को पांच खरब डॉलर तक पहुंचा सकतेहैं। यह कि सी
एक व्यक्ति सेनही होगा, मझु ेआशा हैकि आप इन बातों पर वि चार करेंगेऔर भारत को 5 ट्रि लि यन इकोनॉमी
तक पहुंचानेमेंअपना योगदान करेंगे।
