नई दिल्ली- दिल्ली को जलभराव मुक्त करने के लिए सरकार जल्द ही एजेंसियों से सारा काम अपने पास ले सकती है। सरकार ने इसके लिए अधिकारियों को सभी एजेंसियों से मंजूरी के लिए जल्द बातचीत करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, सरकार ने योजना बनाई कि दिल्ली को जलभराव मुक्त करने का काम सिर्फ एक एजेंसी के पास में रहे। ताकि काम में तेजी लाई जा सके। बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान को लेकर सचिवालय में समीक्षा बैठक की है। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को कंसल्टेंट नियुक्त करने संबंधी टाइम लाइन की जानकारी दी गई। इसके बाद सीएम ने कहा कि सभी एजेंसियों से बात कर दिल्ली को जलभराव से मुक्त करने का सारा काम क्यों न दिल्ली सरकार ले ले, जिससे की काम तेजी से आगे बढ़ सके, इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी एजेंसियों से मंजूरी के लिए जल्द बातचीत करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि समीक्षा बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया, पीडब्ल्यूडी सचिव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सीएम ने का कहना है कि दिल्ली को अंतरराष्ट्रीय स्तर की राजधानी बनाने के लिए जलभराव जैसी समस्या का समाधान आवश्यक हैै। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में कई अलग-अलग एजेंसियां हैं, जिनके पास जलभराव मुक्त करने संबंधी काम बंटा हुआ है। उन्होंने कहा कि सारा काम एक एजेंसी के पास आने के काम में तेजी आएगी। सीएम ने बताया कि दिल्ली सरकार योजना की देखरेख के लिए दो सलाहकार नियुक्त करेगी। एक सलाहकार नजफगढ़ बेसिन का काम संभालेगा। दूसरा सलाहकार यमुना पार और बारापुला का काम देखेगा। वे दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था को बेहतर करने के लिए खाका तैयार करेंगे और कार्यान्वयन कार्य की निगरानी भी करेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली में भारी बारिश के दौरान होने वाले जल भराव की समस्या बहुत जल्द दूर कर दी जाएगी। इसके लिए हर नाली और नाले में जरूरी बदलाव किए जाएंगे, ताकि भारी बारिश के दौरान भी पानी की बेहतर निकासी हो सके और जल भराव की समस्या दूर की जा सके। दिल्ली में किस नाली का स्लोप खराब है, कौन सी नाली कहां मिलती है और किस नाली को किस नाले से जोडऩा है, उसके लिए हर नाली और नाले का अलग-अलग प्रोजेक्ट बनेगा। संबंधित अधिकारियों को इसका पूरा प्लान जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए कंसल्टेंट हायर किए जाएंगे, जो प्रत्येक नाली और नाले का प्लान और प्रोजेक्ट रिपोट्र्स बनाएंगे, ताकि इसको शीघ्र लागू किया जा सके। पिछले साल मानसून के दौरान दिल्ली में अप्रत्याशित बारिश हुई थी। दिल्ली में पिछले रिकॉर्ड देखे तो मानसून के दौरान प्रतिदिन अधिकतम 25-30 मिमी बारिश होती है लेकिन पिछले साल 110 मिमी तक बारिश हुई। जिसके कारण दिल्ली में कई स्थानों पर जलजमाव का सामना करना पड़ा थी। ऐसे में पीडब्ल्यूडी सहित सभी विभागों को जलजमाव को रोकने के लिए शार्ट-टर्म व लॉन्ग-टर्म नीतियां तैयार करने व उनके क्रियान्वयन के आदेश दिए थे। इसे देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने 147 स्थानों को चिन्हित कर वहां जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है।