होली से पहले सभी बच्चों को लग जाएगी वैक्सीन- सोमवार को दिल्ली में लगी 1.8 लाख डोज

नई दिल्ली। कोरोना की रोकथाम के लिए सोमवार से दिल्ली में 15-18 साल के बच्चों को कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण के लिए दिल्ली में तैयारियां पूरी हो गई है। राजधानी के सभी 11 जिलों में 159 केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर सुबह से शाम पर बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए 159 सेंटर चिन्हित किए गए हैं। इन सभी केंद्रों पर को-वैक्सीन की डोज लगाई जाएगी। टीकाकरण के लिए सरकारी अस्पतालों, डिस्पेंसरी, पॉली क्लिनिक और दिल्ली सरकार व नगर निगम के स्कूलों में बच्चों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। वैक्सीनेशन के लिए सबसे ज्यादा 21 सेंटर साउथ वेस्ट जिले में बनाए गए हैं। वहीं सेंट्रल दिल्ली में 17, ईस्ट दिल्ली में 15, नई दिल्ली में 18, नॉर्थ दिल्ली में 11, नॉर्थ ईस्ट में 16, नॉर्थ वेस्ट में 12, शाहदरा में 10, साउथ दिल्ली में 11, साउथ ईस्ट दिल्ली में 13 और वेस्ट दिल्ली में 15 वैक्सीनेशन सेंटर बच्चों के लिए बनाए गए हैं। उधर, स्कूलों में बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर के लिए खास प्रोटोकॉल बनाए गए हैं। हर स्कूल का एक नोडल इंचार्ज नियुक्त करना होगा। वैक्सीनेशन आईडी प्रूफ के लिए स्कूल आइडी कार्ड भी मान्य होंगे। वैक्सीनेशन सेंटर पर वाक-इन रजिस्ट्रेशन सुविधा भी मिलेगी। क्लास टीचर की जिम्मेदारी होगी कि वे पेरेंट्स को नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर की जानकारी दें। बच्चों के साथ आने वाले पेरेंट्स के लिए एक अलग रूम चिह्नित किया जाएगा। वहीं स्कूल के शिक्षकों को कहा गया है कि वह यहां आने वाले अभिभावकों को भी जागरूक करें जो अन्य को भी वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित करें।

करीब 15 लाख बच्चों को लगेगा टीका

दिल्ली में सोमवार से शुरू हो रहे टीकाकरण के दौरान करीब 15 लाख बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। इन बच्चों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। विभाग के अनुसार दिल्ली में दिल्ली के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के अलावा ऐसे बच्चों को भी टीका लगाया जाएगा जो स्कूल में नहीं पढ़ रहे हैं। विभाग के अनुसार स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की लिस्ट उनके पास है, लेकिन ऐसे बच्चे जो कही पंजीकृत नहीं है उनके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। खासकर बाजारों व अन्य जगहों पर। विभाग का कहना है कि काफी बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो स्कूल नहीं जाते, बल्कि अन्य कामों में व्यस्त रहते हैं। इन्हें टीका लगाने के लिए जिला प्रशासन की मदद ली जाएगी।