नई दिल्ली- भारत के सबसे भरोसेमंद किडनी केयर प्रदाताओं में से एक डीसीडीसी हेल्थ सर्विसेज़ प्रा. लिमिटेड ने डायलिसिस के मरीज़ों, उनके परिवारों और चिकित्सकों के लिए देश के सबसे बड़े जश्न- आरोग्य दीप उत्सव 2025 का सफल समापन किया। नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 15 नवम्बर 2025 को दोपहर 3 बजे से शाम 8 बजे तक आयोजित इस कार्यक्रम में एनसीआर से हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया। बड़ी संख्या में लोग इस संदेश के साथ एकजुट हुए कि आप अकेले नहीं हैं। अ रे ऑफ होप यानि उम्मीद की एक किरण विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम ने ऐसा अनूठा एवं उत्साहवर्धक मंच उपलब्ध कराया जहां डायलिसिस से जूझने वाले मरीज़ों की प्रत्यास्थता, सकारात्मकता एवं क्षमता को सम्मानित किया गया। मंच ने इस अवधारणा पर ज़ोर दिया कि डायलिसिस अंत नहीं है बल्कि एक संतुलित एवं उम्मीद से भरे नए अध्याय की शुरूआत है। डॉ शोभा विजेन्दर, पीएचडी, फाउन्डिंग प्रेज़ीडेन्ट, सम्पूर्णा और दिल्ली महिला आयोग की सदस्य, डॉ विक्रम कालरा, एडिशनल डायरेक्टर ऑफ नेफ्रोलोजी एंड रीनल ट्रांसप्लान्ट, आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली- इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। श्री असीम गर्ग, संस्थापक एवं सीईओ, डीसीडीसी किडनी केयर ने कहा, डीसीडीसी किडनी केयर का हमेशा से यही मानना है कि अच्छी गुणवत्ता की चिकित्सा में चिकित्सकीय उत्कृष्टता के साथ-साथ सहानुभूति और सुलभता भी ज़रूरी होती है। डायलिसिस के साथ ज़िंदगी खत्म नहीं हो जाती; बल्कि यह साहस, सहयोग एवं उम्मीद के साथ जारी रहती है। आरोग्य दीप उत्सव 2025 मरीज़ों, उनकी देखभाल करने वालों और पेशेवरों को एक मंच पर लाकर उनके दृढ़ संकल्प एवं एकजुटता का जश्न मनाता है। डॉ दीपक अग्रवाल, वाईस प्रेज़ीडेन्ट फॉर क्लिनिकल एक्सीलेन्स, डीसीडीसी किडनी केयर ने कहा, आरोग्यदीप उत्सव वास्तव में ऐसा माहौल बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जहां डायलिसिस योद्धाओं को सम्मानित, उत्साहित महसूस कराया जाए, उन्हें लगे कि उन्हें महत्व दिया जा रहा है। यह पहल हमें याद दिलाती है कि उपचार केवल चिकित्सा तक ही सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि इसमें भावना, सामाजिक एवं मानवीय भाव भी होना चाहिए।यह कार्यक्रम भारत में डायलिसिस देखभाल में मौजूदा खामियों को दूर करने की डीसीडीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। तकरीबन 1.5 मिलियन लोगों को नियमित डायलिसिस की ज़रूरत है, लेकिन इनमें से बहुत कम मरीज़ों को ही उचित इलाज मिल पाता है। ऐसे में आरोग्यदीप उत्सव 2025 ने ऐसे मरीज़ उन्मुख प्रोग्रामों की तात्कालिकता पर ज़ोर दिया जिनमें सुलभ स्वास्थ्य देखभाल के साथ सशक्त सामुदायिक सहयोग और जागरुकता को भी शामिल किया जाए।
