नई दिल्ली- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में जिस तरह से कोरोना केस बढ़ रहे हैं वह बेहद ही चिंताजनक है। लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा सिर्फ यह सोचकर कि यह बढ़ता कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, हाथों पर हाथ रखकर बैठ जाना अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाना है। उन्होंने कहा कि नए कोरोना के वैरिएंट प्राणघातक नहीं है लेकिन, खुद दिल्ली सरकार इस बात को मानती है कि इस महीना कोरोना अपने पिक पर होगा। तो कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने बातों के अलावा जमीन पर क्या कुछ काम किया है इस पर स्पष्टीकरण दें और यह बेहद जरूरी है कि कोरोना के इलाज में सभी मूलभूत जरूरतों का एक बार निरक्षण किया जाए। गुप्ता ने कहा कि पिछले 24 घण्टों में कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ता हुआ लगभग 29 हजार पहुंच चुका है, लेकिन दिल्ली के अरविंद केजरीवाल जो खुद कोरोना पॉजिटिव थे, पंजाब में जाकर घर-घर अभियान चला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नए कोरोना के वैरिएंट से सबसे ज्यादा बच्चे संक्रमित हो रहे हैं, जबकि दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा खोले गए मोहल्ला क्लीनिक में बच्चों के इलाज के दौरान उन्हें जहर दिया जा रहा है और वह बच्चों के लिए मौत का क्लीनिक बन चुका है। गुप्ता ने कहा कि आज दिल्ली में लगभग चीजों पर पाबंदी है। बाजार, स्कूल, कॉलेज और निजी कार्यालय एवं संस्थान सब बन्द हैं। यहां तक की रोज की जरूरत के लिए खुलने वाली दुकानों में भी ऑड-इवन लागू किया गया है। जबकि उसपर भी सरकार ने अपनी नीति स्पष्ट नहीं की है। क्योंकि ऑड इवन लागू होने के बावजूद बाजारों में भीड़ कम नहीं हो रही। उन्होंने केजरीवाल सरकार से सवाल किया कि जिस तरह से कोरोना अपना पैर प्रदेश में पसार रहा है तो आखिर किस मजबूरी में अभी तक शराब की दुकानों को बंद नहीं किया गया है। जबकि अगर इस वक़्त कही सबसे ज्यादा भीड़ हो रही है तो वो शराब के ठेके में हैं।