नई दिल्ली- दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की स्थाई समिति ने जंगपुरा इलाके में बॉलीवुड पार्क बनाने को मंजूरी दे दी। साथ में वेस्ट टू वंडर पार्क के दूसरे चरण को भी विकसित करने को मंजूरी दे दी है जहां यह बच्चों के लिए डायनासोर पार्कै का निर्माण किया जाएगा। स्थाई समिति के अध्यक्ष बीके ओबेरॉय के मुताबिक, बॉलीवुड पार्क भारतीय सिनेमा के इतिहास और इसके विकास को विभिन्न कलाकृतियों, मूर्तियों, अभिनेताओं के कटआउट के जरिए प्रदर्शित करेगा और इन सभी का निर्माण अपशिष्ट सामग्री से किया जाएगा।

ओबरॉय ने कहा, बॉलीवुड पार्क जंगपुरा के एक पुराने पार्क में बनेगा। यह एक अनूठा पार्क होगा जहां कलाकार पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र से लेकर समकालीन फिल्मों तक के भारतीय सिनेमा के विकास को प्रदर्शित करेंगे। हिंदी सिनेमा के साथ-साथ हम अन्य भाषा के सिनेमा के इतिहास को भी दिखाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि यह थीम पार्क वेस्ट टू वंडर पार्क और भारत दर्शन पार्क की तरह राजस्व का भी अच्छा स्रोत बनेगा।

एसडीएमसी के बागवानी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बॉलीवुड पार्क के निर्माण पर अनुमानित तौर पर 25 करोड़ रुपए की लागत आएगी जिसमें से चार करोड़ रुपए पार्क के रखरखाव और संचालन के लिए होंगे।अधिकारी ने बताया कि पार्क लगभग पांच एकड़ की भूमि में हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें लोकप्रिय फिल्मों के दृश्य, गाने, अभिनेताओं के कट-आउट आदि प्रदर्शन किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि पार्क में भारतीय सिनेमा से संबंधित सभी प्रतिकृतियां लोहे की छड़, नट और बोल्ट, पंखे, तार, पाइप जैसी कबाड़ सामग्री से बनाई जाएंगी। इसी तरह, नगर निकाय लोकप्रिय वेस्ट टू वंडर पार्कै के दूसरे चरण को विकसित करेगा जहां बच्चों के लिए ैडायनासोर पार्कै का निर्माण किया जाएगा और इसके लिए कबाड़ सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रस्ताव दस्तावेज के अनुसार, यह पार्क वेस्ट टू वंडर पार्क में अप्रयुक्त पड़ी तीन एकड़ भूमि में बनेगा।

ओबरॉय ने कहा, हम बच्चों को आकर्षित करने के लिए डायनासोर पार्क विकसित करेंगे। यहां कबाड़ सामग्री से विभिन्न प्रकार के डायनासोर की प्रतिकृतियां बनाई जाएंगी। इस बीच एसडीएमसी की स्थाई समिति ने आईटीओ पर स्थित शहीद पार्क में शहरी बुनियादी ढांचे के निर्माण और पंजाबी बाग में भारत दर्शन पार्क के दूसरे चरण को विकसित करने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी। ओबेरॉय ने कहा कि शहीद पार्क में ऐतिहासिक नेताओं और राजाओं की और भी प्रतिमाएं या प्रतिकृतियां बनाई जाएंगी।     उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य सुभाष चंद्र बोस, चाणक्य, चंद्रगुप्त मौर्य, सरदार पटेल आदि जैसी प्रमुख ऐतिहासिक शख्सियतों की प्रतिकृतियां बनाने का है। इन सभी को अपशिष्ट सामग्री से बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत दर्शन पार्क में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऐतिहासिक स्मारक पहले चरण में कवर नहीं किया जा सके थे, उन्हें दूसरे चरण में विकसित किया जाएगा। भारत दर्शन पार्क में कुतुब मीनार और कोणार्क मंदिर सहित तकरीबन 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऐतिहासिक स्मारकों की प्रतिकृतियां हैं।