बकाएदार भाजपा नेताओं के नाम चल रहे पार्किंग के ठेके

दिल्ली के नगर निगमों के पार्किंग ठेकों में करोड़ों की हेराफेरी जारी है। भाजपा नेता और नगर निगम के अफसर मिलकर सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि लाखों रूपये बकाया होने के बावजूद उन्हीं ठेकेदारों के नाम पर पार्किंग के ठेके चल रहे हैं। ऐसा ही मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम के क्षेत्र का सामने आया है। यह पार्किंग एक भाजपा नेता के भाई के नाम पर चलाई जा रही है। खास बात है कि मंथली लाइसेंस फीस जमा कराए बिना लंबा अरसा बीत जाने के बावजूद पार्किंग का ठेका बदस्तूर जारी है।

करोलबाग की शास्त्री पार्क पार्किंग
प्राप्त जानकारी के मुताबिक करोलबाग की शास्त्री पार्क पार्किंग चांदनी चौक जिला भाजपा के महामंत्री अजय भारद्वाज के भाई नीरज भारद्वाज के नाम पर है। इस पार्किंग की मंथली लाइसेंस फीस 6 लाख 99 हजार 800 रूपये है। छह महीने पहले इस पार्किंग की ओर उत्तरी दिल्ली नगर निगम का 51 लाख, 69 हजार 149 रूपये बकाया था। नगर निगम के पास इस पार्किंग का सिक्योरिटी डिपोजिट केवल 41 लाख, 98 हजार, 800 रूपये था। यानी करीब 10 लाख रूपये पहले ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम को लेना था। इसके बावजूद निगम के आला अधिकारियों और भाजपा नेताओं की मिलीभगत पार्किंग का ठेका लगातार जारी है। यानी ठेकेदार के अधिकारिक तौर पर पार्किंग सरेंडर करने के बावजूद अधिकारियों और भाजपा नेताओं ने मिलकर करीब 30 लाख रूपये का चूना और लगवा दिया।

अंडर एप्रूवल में लगे महीनों
निगम अधिकारियों और पार्किंग माफिया का गठजोड़ नगर निगम में इतना हावी है कि पार्किंग ठेकेदार ने पार्किंग का ठेका नियमानुसार तीन महीने के नोटिस के तहत सरेंडर कर दिया था। आला अधिकारियों के मुताबिक इस नोटिस की अवधि 6 सितंबर 2018 को ही पूरी हो गई थी। लेकिन दिसंबर में भी पार्किंग का ठेका उन्हीं ठेकेदारों के नाम चल रहा है। इसे भाजपा नेताओं का दबाव कहें या सरकारी पैसे को मिलकर डकारने की नीति, कि अब भी पार्किंग का ठेका रदृद करने की कार्रवाई अंडर अप्रूवल ही चल रही है।

ई-टेंडरिंग में लगने के बावजूद चल रहा ठेका
निगम अधिकारियों के मुताबिक इस ठेकेदार ने कीर्ति नगर फ्लाईओवर, शास्त्री पार्क करोल बाग, बैंक स्ट्रीट करोलबाग और टेंक रोड करोलबाग को कुछ महीने पहले सरेंडर कर दिया था। इसके बाद इन पार्किंग स्थलों को अगस्त महीने की शुरूआत में हुई पार्किंग की ई-टेंडरिंग में शामिल किया गया था। लेकिन इनके ठेके नहीं नए ठेकेदारों को नहीं दिए गए और पुराने ठेकेदार ही इन्हें चला रहे हैं। इसके चलते सीधे तौर पर हर महीने उत्तरी दिल्ली नगम को अफसरों और पार्किंग माफिया की मिलीभगत से करोड़ों रूपये का चूना लगाया जा रहा है।

निगम को नहीं मिल रहा आधे से ज्यादा पार्किंग स्थलों का पैसा
निगम के आला अधिकारियों और पार्किंग माफिया की मिलीभगत के चलते नगर निगम को अपने आधे से ज्यादा पार्किंग स्थलों से कोई राजस्व नहीं मिल रहा। पार्किंग के ठेकों में खुद भाजपा नेताओं के शामिल होने की वजह से निगम के अधिकारी भी उनके साथ हाथ मिलाने में ही अपनी भलाई समझते हैं।

सीज होगा ठेकेदार का बैंक अकाउंट
डीसी अनीस रहमान ने बताया कि फाइनेंस और दूसरे विभागों में फाइल के घूमने की वजह से पार्किंग का ठेका रदृद करने में देरी हुई है। यह बात निगम की जानकारी में है और अब तक का पूरा पैसा ठेकेदार से वसूला जाएगा। उसके फिक्स डिपोजिट के अलावा उसका बैंक अकाउंट सीज करने की कार्रवाई भी की जाएगी। इसके अलावा ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो-चार दिन में इस पार्किंग का ठेका रद्द कर दिया जाएगा।