नई दिल्ली -जानी मानी अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट मोबिलिटी टेक्‍नोलॉजी प्लेटफ़ॉर्म अप्‍लायबोर्ड ने अपनी चौथी वार्षिक ट्रेंड्स रिपोर्ट, “नैविगेटिंग ग्‍लोबल स्‍टूडेंट मोबिलिटी: टॉप ट्रेंड्स इन इंटरनेशनल एजुकेशन फॉर 2025 एंड बियॉन्‍ड ” जारी की। इस रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा को प्रभावित करने वाले अहम बदलावों की विस्तृत जांच-पड़ताल की गई है, जिसमें नीतिगत बदलाव, पढ़ाई के लिए वैकल्पिक स्‍थानों में बढ़ोतरी और शिक्षा के क्षेत्र में एआई और टेक्‍नोलॉजी का बढ़ता प्रभाव शामिल है।इस रिपोर्ट में पता चला है कि 2024 में विदेश में पढ़ने जाने वाले छात्रों की संख्या में कुछ बड़े बदलाव आए हैं, भले ही ग्लोबल स्टूडेंट मोबिलिटी में मजबूती बनी हुई है। सरकारी डेटा, निजी सर्वे और इंडस्ट्री के पूर्वानुमानों के विश्लेषण से पता चलता है कि पारंपरिक अंग्रेजी बोलने वाले डेस्टिनेशंस में छात्रों की मांग में काफी गिरावट आ रही है, जबकि दूसरे बाजारों में तेजी आ रही है। यह बदलाव काफी हद तक कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम में हुए नीतिगत बदलावों की वजह से आया है।अप्लायबोर्ड के वाइस प्रेसिडेंट सैफ इकबाल ने कहा, “छात्र विदेशों में पढ़ाई करने के लिए उत्सुक रहते हैं, लेकिन अब वे अपने चयन में अधिक रणनीतिक होते जा रहे हैं। 2025 में, हम उम्मीद करते हैं कि छात्र सक्रिय रूप से उन देशों को पसंद करेंगे जो संपूर्ण पैकेज प्रदान करते हैं। इस पैकेज में क्वालिटी एजूकेशन, किफायत और कॅरियर के मजबूत अवसर शामिल है।” “हमारी व्यापक रिपोर्ट भारतीय छात्रों को अपनी शैक्षणिक यात्रा के बारे में जानकारी पर आधारित निर्णय लेने और विकसित हो रहे ग्लोबल वर्कफोर्स में सफलता के लिए खुद को तैयार करने के लिए जरूरी जानकारी प्रदान करती है।रिपोर्ट की मुख्य बातें:

बड़े अंग्रेजी भाषी देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय आवेदनों की संख्या में गिरावट कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूके के लिए 2024 में छात्र वीज़ा आवेदनों की संख्या में काफी बड़ी गिरावट हुई है। साथ ही 2025 में भी इन देशों के लिए होने वाले वीज़ा आवेदनों में गिरावट की भविष्यवाणी की गई है। 2024 में, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूके में छात्र वीज़ा आवेदनों में कम से कम 10% की गिरावट देखी गई है। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में क्रमशः 31% और 36% की गिरावट दर्ज की गई है।ये ट्रेंड्स मुख्य रूप से संबंधित सरकारों द्वारा लागू किए गए नीतिगत बदलावों के कारण बने हैं, जिनमें धन की जरूरत से संबंधित प्रमाण आवश्यकताओं में बढ़ोतरी, अध्ययन के बाद कार्य परमिट की पात्रता में संशोधन तथा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के आगमन को मैनेज करने के उद्देश्य से किए गए अन्य उपाय शामिल हैं।

वैकल्पिक यूरोपीय डेस्टिनेशन का विकास

गैर-अंग्रेजी भाषी देश छात्रों के लिए लोकप्रिय विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। 2023/24 में, जर्मनी में अंतर्राष्ट्रीय नामांकन में 3% की बढ़ोतरी देखने को मिली, जबकि फ्रांस ने 436,000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की मेजबानी की, जो पिछले वर्ष से 5 फीसदी अधिक है। ये देश किफायती कार्यक्रमों और अध्ययन के बाद के अच्छे काम के अवसरों के साथ छात्रों को आकर्षित करते हैं।
जर्मनी, नीदरलैंड और दूसरे यूरोपीय देश अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की बढ़ती रुचि को आकर्षित कर रहे हैं। ये देश अध्ययन स्थलों के रूप में अपनी अपील को बढ़ाने के लिए नीतियों में सुधार कर रहे हैं।
विशेष रूप से जर्मनी ने इस दिशा में काफी प्रगति की है, तथा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए नियमों को आसान बनाया है। इन नियमों में स्वीकृत साप्ताहिक कार्य घंटों में बढ़ोतरी करना तथा उच्च मांग और उच्च कौशल वाले पदों के लिए श्रम बाजार में पहुंच का विस्तार करना शामिल है।
अप्लायबोर्ड के 2024 के रिक्रूटमेंट पार्टनर पल्स सर्वे में, 72% उत्तरदाताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि जर्मनी एक किफायती स्‍टडी डेस्टिनेशन बन गया है और “बिग फोर” एंग्लोफोन बाजारों से आगे बढ़ गया है।

गैर-अंग्रेजी भाषी देशों का उदय

विदेशों से आने वाले छात्रों की भारी संख्या वाले कई देश अपने छात्रों को देश में ही बनाये रखने तथा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए काफी बड़ा निवेश कर रहे हैं।
भारत ने अपने एजूकेशन लोन प्रोग्राम का विस्तार किया है, स्किल डेवलपमेंट के लिए सपोर्ट बढ़ाया है, तथा यह अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए स्थायी निवास की सुविधा विकसित कर रहा है।

भविष्‍य के कर्मचारियों का मार्गदर्शन

दूसरे देशों में जाने से कर्मचारियों का विकास कैसे होगा

दूसरे देशों में जाने से दुनिया भर के कर्मचारियों में बदलाव आएगा, अनुमान है कि 2030 तक ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके और अमेरिका में 65 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक कुल जनसंख्या का 20% से अधिक होंगे। चूंकि सेवानिवृत्ति लेबर मार्केट में बड़ा गैप पैदा करती है, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय छात्र इन वर्क फोर्स जरूरतो को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
कनाडा में 2022 से 2031 तक लगभग 8 मिलियन नौकरियों के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिनमें से 63% वैकेंसी सेवानिवृत्ति के कारण होंगी। इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया के श्रम बाजार में 14% की बढ़ोतरी होने का अनुमान है, जिससे 2033 तक लगभग 2 मिलियन नौकरियां और जुड़ेंगी। यूके में, 2035 तक रोजगार स्तर 37 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2025 के स्तर से 4 फीसदी ज्यादा है। इस बीच, यूएस कार्यबल में 2023 और 2033 के बीच 6.7 मिलियन नौकरियों की बढ़त होने का अनुमान है, जो कुल मिलाकर 4 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है।

हेल्थकेयर और सोशल सर्विसेज कॅरियर की सफलता का एक महत्वपूर्ण मार्ग

2035 तक ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ में हेल्थ केयर और सोशल सर्विस सेक्टर में रोजगार में कम से कम 7 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिससे लाखों नौकरियां पैदा होंगी।
टेक और स्‍टेम सेक्टर में कॅरियर बनाने के मजबूत अवसर

अकेले अमेरिका में 2023 और 2033 के बीच स्‍टेम व्यवसायों में 10% से अधिक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है, टेक्‍नोलॉजी और स्‍टेम सेक्टर अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए मजबूत अवसर पेश करते हैं।

छात्रों को डिजिटल स्किल विकसित करने के लिए गाइडेंस

एआई और डिजिटल टूल्स काम के भविष्य को नया आकार दे रहे हैं, और कंपनियां इनमें बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। मैकिन्से की रिपोर्ट है कि 67% ग्लोबल लीडर अगले तीन वर्षों में विशेष रूप से मानव संसाधन और भर्ती में,एआई खर्च बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए, इन तकनीकों में महारत हासिल करना वैकल्पिक नहीं है, बल्कि यह आधुनिक कार्यस्थलों और टेक्नोलॉजी आधारित ज़ॉब मार्केट में सफलता की कुंजी है।छात्रों को ऐसे कार्यक्रमों की तलाश करनी चाहिए जो तकनीकी नवाचार द्वारा संचालित उद्योगों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए डिजिटल स्किल विकसित करने पर फोकस करते हैं। माइक्रोसाफ्ट के 2023 वर्क ट्रेंड इंडेक्स के अनुसार, 82% बिजनेस लीडर भावी वर्कफोर्स के लिए एआई-संबंधित स्किल को जरूरी मानते हैं।इकबाल ने आगे कहा, “हमारी रिपोर्ट में दिए गए निष्कर्ष ग्लोबल स्टूडेंट मोबिलिटी के तेजी से विकसित रहे ट्रेंड्स की पहचान करती है।” “इन बदलाव लाने वाले ट्रेंड्स को समझकर, भारतीय छात्र आत्मविश्वास के साथ इस बदलते माहौल के मुताबिक अपने लिए बेहतर विकल्प चुन सकते हैं और अपनी पढ़ाई के दौरान और अपने भावी कॅरियर में सफलता के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं।