नई दिल्ली- पिछले कुछ दिनों में मीडिया में उत्तर मध्य रेलवे द्वारा बड़ी संख्या पदों को सरेंडर करने के विषय में भ्रामक सूचना प्रचारित हो रही है। इस संबंध में स्पष्ट किया जाना है कि, इस विषय पर रेलवे बोर्ड से सभी जोनल रेलवे को कई संदेश प्राप्त हुए हैं। अत: इस विषय को किसी एक पत्र के आधार पर पर देखना अनुचित होगा। पदो का रैशनलाइजेशन एक सतत गतिशील प्रक्रिया है जो कार्य अध्ययन से संबंधित है। ज्ञात हो कि, प्रौद्योगिकी उन्नयन के साथ, कुछ पद ऐसे हैं जो अप्रासंगिक हो जाते हैं या जिनकी उपयोगिता कम हो जाती है। साथ ही अन्य गतिविधियों में वृद्धि के साथ, कुछ नए पदों की आवश्यकता महसूस की जाती है क्योंकि उन गतिविधियों के अनुरूप पद उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा, ऐसी कई गतिविधियां हैं जो वर्षों से आउटसोर्स की गई हैं लेकिन संबंधित पद अभी भी मौजूद हैं। उन पदों की समीक्षा की जरूरत है। इसलिए, इस पृष्ठभूमि में समग्र रूप से एक विस्तृत समीक्षा की जा रही है। जहां जो पद अब किसी भी उपयोगिता के नहीं हैं, उन्हें उस स्थान से रीडेगिनेट कर के किसी अन्य आवश्यकक स्थागन पर उपयोग किया जा सकता है। वर्क स्टडी एवं मानव संसाधन युक्तीथकरण एक समग्र एवं गतिशील प्रक्रिया है जिसे रेलवे बोर्ड से प्राप्त अन्य कई पत्रों के साथ समग्रता में देखा एवं करा जाता है। वर्तमान में जोन के खाली पड़े पदों में गैर संरक्षा कोटि के पदों की समीक्षा की जा रही है इसमें वह जिन पदों पर बाह्य आरआरबी एवं आरआरसी आंतरिक पदोन्नति एवं विभागीय परीक्षा स्रोतों से भर्ती प्रक्रियाधीन है वह भी शामिल नहीं हैं। अत: यह बहुत ही सीमित संख्या होगी।