बेंगलुरु- मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि चित्रदुर्ग स्थित एक प्रमुख मठ के महंत की संलिप्तता वाले मामले की जांच चल रही है और जांच से सच्चाई सामने आएगी। चित्रदुर्ग के मुरुग मठ के शिवमूर्ति मुरुग शरनारू के खिलाफ यौन उत्पीडऩ से बच्चों का संरक्षण पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने शिवमूर्ति के खिलाफ लगे आरोपों पर यह कहते हुए कोई और टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि मामले की जांच चल रही है। उन्होंने यहां संवाददाताओं के एक प्रश्न के उत्तर में कहा, जब कोई महत्वपूर्ण मामला होता है जैसा कि यहां पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है और चित्रदुर्ग में अपहरण का भी मामला है पुलिस ने दोनों ही मामले दर्ज किए हैं और जांच चल रही है, ऐसे में कोई टिप्पणी करना या मामले की व्याख्या करना जांच के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा, पुलिस को पूरी आजादी है, वह जांच करेगी और सच्चाई सामने आएगी। मैसुरु पुलिस ने उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के कथित यौन उत्पीडऩ को लेकर शिवमूर्ति के विरूद्ध पॉक्सो कानून तथा भारतीय दंड संहिता की कुछ धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत के आधार पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पांच लोगों के विरूद्ध यह प्राथमिकी दर्ज की गई। बताया जाता है कि इन छात्राओं पीड़िताओं ने मैसुरु के गैर-सरकारी संगठन एनजीओ ओडनाडी सेवा समस्थे से संपर्क किया था और परामर्श सत्र के दौरान उन्होंने उन्हें अपनी आपबीती बताई थी। इसके बाद एनजीओ ने पुलिस से संपर्क किया और मामला दर्ज किया गया।मुरुग मठ सलाहकार समिति के सदस्य एन बी विश्वनाथ ने कहा है कि शिवमूर्ति पर लगाए गए आरोप सच्चाई से परे हैं। उन्होंने दावा किया कि इस आरोप के पीछे पूर्व विधायक एवं मठ के प्रशासनिक अधिकारी एस के बसवराजन का हाथ है। एक महिला की शिकायत पर चित्रदुर्ग में बसवराजन के विरूद्ध यौन उत्पीडऩ एवं अपहरण का मामला दर्ज किया गया है। यह महिला मठ की कर्मी बताई जा रही है।