नई दिल्ली-दिल्ली को इलेक्ट्रिक वाहन की राजधानी बनाने की दिशा में केजरीवाल सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी सरकारी दफ्तरों में 3 माह के भीतर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी और वहां पर आने वाले आम नागरिक अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज कर सकेंगे। इसके संबंध में केजरीवाल सरकार की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए हैं।दिल्ली सरकार के सभी दफ्तरों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों और कार्यालयों में आने वाली आम जनता के लिए इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यह निर्देश दिए गए हैं। केजरीवाल सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के सभी विभाग उपयुक्त स्थानों की पहचान करें और अपने परिसर में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करें।डिस्कॉम के पैनल में शामिल वेंडर के जरिए इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनवाने पर 6 हजार रुपए प्रति चार्जिंग प्वाइंट सब्सिडी मिलेगी। दिल्ली के डिस्कॉम के साथ मिलकर परिवहन विभाग ने सिंगल विंडो प्रक्रिया स्थापित की है। सिंगल विंडो प्रक्रिया का उपयोग डिस्कॉम्स के पैनल वाले विक्रेताओं से रियायती और कम टैरिफ पर ईवी चार्जर लगाने के लिए किया जा सकता है। केजरीवाल सरकार ने सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि सरकारी भवनों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना सुनिश्चित करें।दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विजन को साकार करने के लिए दिल्ली में तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। दिल्ली में तेजी से इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के नए फैसले के तहत अब सभी सरकारी दफ्तरों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। जहां पर सरकारी कर्मचारियों के साथ आम जनता भी अपने वाहनों को चार्ज कर सकेगी। सरकारी दफ्तरों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनने से लोग दफ्तरों में काम कराने के दौरान अपने वाहनों को चार्ज कर सकेंगे। इसके साथ ही सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी इलेक्ट्रिक वाहनों से दफ्तर आने के लिए प्रेरित होंगे।दिल्ली में सितंबर से नवंबर तिमाही में इलेक्ट्रिक वाहनों ने सीएनजी और डीजल वाहनों की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है। कुल बेचे गए वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों का 9 फीसदी हिस्सा है जबकि राष्ट्रीय औसत 1.6 फीसदी है। दिल्ली में सितंबर और नवंबर 2021 में ईवी की बिक्री 9.2 फीसदी थी। वहीं सीएनजी वाहनों की बिक्री नवंबर में 6.5 फीसदी रह गई है। इस दौरान कुल 9,540 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई। इसमें से सितंबर में 2,873, अक्टूबर में 3,275 और नवंबर में 3,392 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई। पेट्रोल वाहनों के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दूसरे स्थान पर पहुंच गई हैदिल्ली सरकार ने शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और दिल्ली को भारत की ईवी राजधानी बनाने के लक्ष्य के साथ, अगस्त 2020 में दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति की घोषणा की। दिल्ली सरकार की ईवी नीति को पूरे भारत में सबसे प्रगतिशील नीति के रूप में स्वीकार किया गया है। दिल्ली सभी तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में पूरी तरह से छूट देने वाला पहला राज्य है। इसके अलावा पात्रता मानदंड को सरल बनाया गया ताकि अधिक से अधिक लोग सब्सिडी का लाभ उठा सकें। 2024 तक सभी नए वाहन पंजीकरण में 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी का लक्ष्य है। केजरीवाल सरकार के प्रगतिशील फैसलों के कारण दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखा जा रही है।केजरीवाल सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी दी गई है।‌ इसके अलावा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को ईवी चार्जर के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पांच फीसदी पार्किंग स्थान आरक्षित करने के निर्देश दिए गए। ईवी चार्जिंग पॉइंट्स लगवाने के लिए सिंगल-विंडो सुविधा की शुरुआत की गई। सिंगल-विंडो की सुविधा ने दिल्ली में ईवी चार्जिंग पॉइंट्स की स्थापना को बहुत सुविधाजनक बना दिया है। दिल्ली वासियों को इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग पॉइंट्स बनाने पर सब्सिडी दी गई है। इसके अलावा केजरीवाल सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए वेबसाइट भी लांच की है। साथ ही केजरीवाल सरकार ने सवारी एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों को अनिवार्य किया है।