नई दिल्ली- भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद और निगम की सदस्यता से तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है। दरअसल, गुरुवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में विपक्ष के नेता विकास गोयल ने आदेश गुप्ता के खिलाफ आवाज उठाई। गोयल ने आदेश गुप्ता द्वारा करोल बाग में अनाधिकृत रूप से जमीन कब्जा करने का मामला उठाया। उन्होंने महापौर से सदन में इस विषय पर चर्चा करवाने कि मांग की लेकिन भाजपा नेताओं ने हर बार की तरह इस बार भी चर्चा नहीं होने दी। बैठक में एक बार फिर आप ने इस विषय में निष्पक्ष जांच करवाने और आदेश गुप्ता की बर्खास्तगी की मांग की है। विपक्ष विकास गोयल ने कहा कि आज नॉर्थ एमसीडी के सदन की बैठक थी। जिसमें मैंने महापौर से कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एमसीडी की जिस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया है, उसपर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन लोगों मुद्दे को पूरी तरह दरकिनार कर दिया। हर बार की तरह इस बार भी उन्होंने दूसरे मुद्दों पर नारेबाजी शुरू कर दी और इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दी। चूंकि एमसीडी को भाजपा ही देखती है, तो कार्रवाई भी उन्हीं को करनी है, इसलिए न तो इसपर कोई चर्चा हो रही है न ही कोई एक्शन लिया जा रहा है। दिल्ली में जगह-जगह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के पोस्टर लगे हुए हैं। उनपर साफ लिखा है कि आदेश गुप्ता ने निगम की ज़मीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है। आदेश गुप्ता के घर के सामने एमसीडी का स्कूल था, जिसपर उन्होंने कब्जा कर अवैध निर्माण किया। यहां तक खुद हाई कोर्ट ने अवैध निर्माण के चलते आदेश गुप्ता को नोटिस जारी किया था। लेकिन आदेश गुप्ता ने अबतक इसपर चुप्पी नहीं तोड़ी है। न ही उनके खिलाफ कोई जांच या कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरा यही कहना है कि यदि भाजपा के दिल्ली प्रदेश का शीर्ष नेतृत्व ही भ्रष्टाचार में शामिल है तो बाकी पार्षदों का क्या हाल होगा? निगम में शासित भाजपा नेता निगम के आने वाले चुनाव में अपनी हार की आहट को पहचान गए हैं इसलिए अब उन्होंने निगम की संपत्तियों को औने-पौने दामों में बेचकर भ्रष्टाचार करने के साथ-साथ निगम की जमीनों को भी कब्जाना शुरू कर दिया है। नेता विपक्ष होने के नाते मैंने इस विषय में निष्पक्ष जांच करवाने और आदेश गुप्ता को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के पद से और निगम की सदस्यता से तुरंत बर्खास्तगी की मांग की है।