नई दिल्ली- दक्षिणी दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट को अंतिम रूप दिया गया। नेता सदन इंद्रजीत सहरावत ने बजट में पुरानी योजनाओं को परवान चढ़ाने के साथ साथ कई नई घोषणाएं की है। सहरावत ने बजट में आगामी वर्ष से नगर निगम में तीसरी कक्षा पास कर चौथी कक्षा में जाने वाले टॉप 10 बच्चों को साइकिल देने की घोषणा की है। इनमें 5 लडक़े और 5 लड़कियों को साइकिल दी जाएगी। एक बार फिर अटल आहार योजना को लागू करने की घोषणा की गई है। निगम 40 बूथ आवंटित कर इस योजना को शुरू करेगा। सहरावत ने दिल्ली की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नियमित किए जाने पर इनमें रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आयुक्त को निर्देशित किया है। इस योजना में निगम सीधा अपने फंड से कार्य कराएगी। डीएसआईआईडीसी से अनुमति लेने की जरूर नहीं होगी। इन कॉलोनियों में पार्षद 50 लाख रुपए के फंड से विकास काम करा सकेंगे।सहरावत ने अपने बजट में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर राजस्व अर्जित करने का प्रस्ताव किया है। निगम की आय में बढ़ोतरी के लिए सौर ऊर्जा खंड (डिविजन) बनाए जाने का ऐलान किया है। इस योजना से निगम के बिजली बिलों में कमी आएगी साथ ही बची हुई बिजली को बेचकर राजस्व भी मिलेगा। निगम अपने इलाके की अनाधिकृत/अधिकृत कॉलोनियों में नीले रंग के लोहे के सुंदर बोर्ड लगाएगा, जिन पर मकान संख्या, ब्लॉक संख्या व वार्ड संख्या लिखा होगा। बजट में इसके लिए प्रति वार्ड 2 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। निगम ने विधवा की शादी के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को भी बढ़ाकर 30 हजार से 40 हजार करना प्रस्तावित किया है। इसके अलावावार्ड स्तर पर बीपी व शुगर की जांच सुविधा मुहैया कराने की योजना है। निगम के सभी वार्ड में एक एक डिस्पेंसरी खोली जाएगी। जहां पर निगम की जमीन उपलब्ध नहीं है वहां पर पोर्टा केबिन में डिस्पेंसरी खोला जाना प्रस्तावित किया है। इसके अलावा निगम के पार्कों में विशेष योगा सेंटर खोला जाएगा।सामुदायिक भवन, अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र व डिस्पेंसरी पर जनता अपने प्रियजनों और बुजुर्गों के नाम रख सकेगी। निगम वार्षिक आधार पर रेट तय कर यह सुविधा देने जा रहा है। इसे सभी माध्यमों में गहन पब्लिसिटी भी दी जाएगी। इस तरह से सामुदायिक भवनों अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों व डिस्पेंसरियों का रखा गया नाम एक वर्ष के लिए मान्य होगा। यदि संबंधित परिवार अपने प्रियजन के नाम पर उपरोक्त निगम भवनों को अगले वर्ष में भी जारी रखना चाहता है तो वह निर्धारित फीस देकर उसे रिन्यू करवा सकता है। यदि कोई हमेशा के लिए निगम भवनों का नाम अपने प्रियजन के नाम पर चाहता है, तो वह एकमुश्त 10 वर्ष की फीस देकर ऐसा कर सकता है, इससे निगम के राजस्व में भी वृद्धि होगी।