मुंबई- श्रद्धा वालकर की हत्या के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के पिता अमीन पूनावाला ने पिछले महीने मीरा रोड इलाके की एक इमारत में किराए पर फ्लैट लेते समय आफताब के बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की थी। इमारत में फ्लैट दिलाने वाले एक रियल एस्टेट एजेंट ने यह दावा किया। डेल्टा गार्डन कॉम्प्लेक्स में फ्लैट तलाशने में अमीन पूनावाला की मदद करने वाले रियल एस्टेट एजेंट ने बताया कि अमीन शुरू में एक बीएचके बेडरूम, हॉल और किचन फ्लैट चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना मन बदल लिया और किराए पर 2 बीएचके फ्लैट लिया। रियल एस्टेट एजेंट ने कहा, अमीन पूनावाला ने फ्लैट के अंधेरी स्थित मालिक को बताया कि फ्लैट में उनके परिवार के तीन सदस्य, वह, उनकी पत्नी मुनीरा और उनका बेटा अहद रहेंगे। उन्होंने मालिक से कहा कि उनका दूसरा बेटा आफताब उनके साथ नहीं, कहीं अलग रह रहा है। इसके अलावा, उन्होंने आफताब के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की। पूनावाला का परिवार पालघर जिले के वसई में किराए के फ्लैट के बाद अक्टूबर में नई जगह स्थानांतरित हुआ था। पुलिस ने कहा था कि हालांकि उनसे संपर्क नहीं हो पाया और मीरा रोड में फ्लैट बंद मिला। एजेंट ने कहा, अमीन पूनावाला ने फ्लैट किराए पर लेते समय अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य विवरण स्थानीय पुलिस स्टेशन में जमा कराया था। अनिवार्य पुलिस सत्यापन के बाद उन्हें फ्लैट का कब्जा सौंपा गया। एजेंट ने कहा कि अमीन पूनावाला ने किराएदार का पंजीकरण कराने के बाद फ्लैट के लिए ब्रोकरेज और एक महीने के किराए का ऑनलाइन भुगतान किया। एजेंट ने कहा, उन्होंने अमीन ने एक बार मुझसे कहा था कि वह उपनगरीय मलाड में एक टाइल निर्माण कंपनी में काम करते हैं, जबकि उनके बेटे अहद को हाल में मुंबई में नौकरी मिली थी। वे अच्छे स्वभाव के लग रहे थे। हम आफताब के बारे में जानकर हैरान हैं। एजेंट ने कहा कि उसने और डेल्टा गार्डन सोसाइटी के सदस्यों ने अमीन पूनावाला द्वारा जमा किए गए दस्तावेज स्थानीय पुलिस को उपलब्ध कराए हैं। सोसाइटी के एक सदस्य ने कहा था कि 28 वर्षीय आफताब अपने परिवार के सदस्यों को मुंबई स्थानांतरित करने में मदद करने के लिए करीब 20 दिन पहले वसई में आवासीय सोसाइटी आया था। आफताब को 12 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में किराए के अपने फ्लैट में श्रद्धा की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा था कि आफताब ने श्रद्धा के शव के करीब 35 टुकड़े किए जिसे उसने घर पर 300 लीटर के फ्रिज में लगभग तीन सप्ताह तक रखा और फिर उन्हें विभिन्न हिस्सों में कई दिनों तक फेंकता रहा।