बस्ती – उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के मुंडेरवा थाना क्षेत्र में लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा विसर्जन के जुलूस के दौरान पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभद्रता करने का आरोप लगाकर पूजा समिति के सदस्यों ने हंगामा किया। पुलिस अधीक्षक ने मामले का संज्ञान लेते हुए एक उप निरीक्षक दरोगा को निलंबित करने के साथ ही दो आरक्षियों को लाइन हाजिर पुलिस लाइन से सम्बद्ध कर दिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बस्ती के पुलिस अधीक्षक एसपी आशीष श्रीवास्तव बताया कि आज तत्काल प्रभाव से उप निरीक्षक दिवाकर यादव को निलंबित कर दिया गया है और दो आरक्षियों अभिजीत सिंह तथा अमरनाथ यादव को लाइन हाजिर कर दिया है। उन्होंने बताया कि मामले की विभागीय जांच क्षेत्राधिकारी आलोक प्रसाद को सौंपी गई है। सूत्रों ने बताया कि बस्ती जिले के मुंडेरवा कस्बे में शुक्रवार रात मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस की अभद्रता से नाराज पूजा समिति के लोगों ने जमकर बवाल काटा, गुस्साए लोग दरोगा के खिलाफ कार्वाई की मांग करने लगे। पूजा समिति के लोगों ने आरोप लगाया कि मूर्ति विसर्जन से पहले हो रही आरती के दौरान दरोगा के इशारे पर पुलिस ने जुलूस में शामिल ट्रैक्टर चालक और अन्य लोगों पर लाठियां चलाईं और जनरेटर को जबरदस्ती हटाने लगे। इस दौरान जनरेटर की ट्राली के पहिए से एक बच्ची का पैर कुचल गया। इसके बाद नाराज लोगों ने हंगामा किया। माहौल खराब होते देख अपर पुलिस अधीक्षक दीपेंद्र नाथ चौधरी तथा क्षेत्राधिकारी नगर आलोक प्रसाद सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। करीब डेढ़ घंटे तक चले जद्दोजहद के बाद एएसपी द्वारा संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्वाई के आश्वासन देने पर लोग शांत हुए। इसके बाद लोगों ने नदी में मूर्तियों का विसर्जन किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शुक्रवार की रात मूर्ति विसर्जन के दौरान लोगों ने पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाया और विसर्जन रोक दिया था। उन्होंने बताया कि इस दौरान ट्रैक्टर में लगे एक जनरेटर का पहिया एक बच्ची के ऊपर चढ़ गया और वह घायल हो गई थी। श्रीवास्तव ने बताया कि मौके पर पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को बातचीत से सामान्य किया तथा मूर्ति विसर्जन संपन्न कराया। उन्होंने कहा कि मौके पर पूरी तरह शांति व्यवस्था बनी हुई है।