नई दिल्ली- केजरीवाल सरकार की झूठी घोषणा के कारण 60 लाख लोगों के भूखों मरने की नौबत आ गई है जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद इन लोगों को मुफ्त राशन देने का ऐलान तो कर दिया लेकिन उन्हें राशन नहीं मिल रहा। कोरोना की इस तीसरी लहर की बंदिशों ने इन लोगों के लिए इतनी ज्यादा मुश्किलें खड़ी कर दी हैं कि वे पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं। यह बात दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कही। उन्होंने कहा कि भाजपा बार-बार यह कहती रही है कि इन 60 लाख लोगों को दिल्ली सरकार राशन उपलब्ध नहीं करा रही है और सिर्फ झूठे प्रचार के लिए यह जताने की कोशिश कर रही है कि वह गरीबों को राशन दे रही है। अब एक प्रतिष्ठित एनजीओ दिल्ली रोजी रोटी अधिकार अभियान ने सर्वे करके सरकार के इस दावे की पोल खोल दी है। बिना राशन कार्ड वाले इन लोगों को राशन बांटने के लिए स्कूलों में केंद्र बनाए गए हैं लेकिन एनजीओ के लोग जब 62 स्कूलों में गए तो वहां या तो राशन केंद्र ही नहीं था या फिर केंद्र तो था लेकिन अनाज का एक दाना भी नहीं था। वहां से लोग खाली हाथ वापस लौट रहे थे। बिधूड़ी ने बताया कि इस एनजीओ की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा गया लेकिन उनके पास इन गरीब लोगों के लिए सोचने की फुर्सत नहीं है क्योंकि वह आजकल दिल्ली में नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के दौरों पर ही रहते हैं।