कर्नाटक- मंगलुरु की एक अदालत ने मलाली मस्जिद को मंदिर के स्थान पर बनाए जाने के दावे की जांच के लिए एक कोर्ट-कमिश्नर नियुक्त करने संबंधी याचिका को सुनवाई योग्य करार दिया। याचिका में दावा किया गया है कि मलाली मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर पर किया गया है और इस बात की जांच की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि मामले पर जनवरी 2023 में सुनवाई की जाएगी। मंगलुरु के टी. ए. धनंजय और बी. ए. मनोज कुमार ने मंगलुरु की तृतीय अतिरिक्त दीवानी अदालत में यह याचिका दायर की थीउन्होंने दावा किया था कि इस साल अप्रैल में मंगलुरु के निकट ठेनका उलीपाडी गांव के मलाली में अब्दुल्लाही मदनी की मस्जिद के पुनरुद्धार के दौरान एक मंदिर जैसी संरचना मिली। विश्व हिंदू परिषद विहिप ने भी मस्जिद का सर्वेक्षण कराने को कहा था। हालांकि मस्जिद के अधिकारियों का कहना है कि अदालत को इस मामले की सुनवाई करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि मस्जिद वक्फ बोर्ड की संपत्ति है।दीवानी अदालत ने आज कहा कि मुकदमा सुनवाई योग्य है और वह इस पर सुनवाई करेगी। इससे पहले अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी होने तक पुनरुद्धार के काम पर रोक लगा दी थी। अदालत ने मस्जिद में कराए जा रहे जीर्णाेद्धार के काम पर लगाई रोक हटाने को लेकर मस्जिद पदाधिकारियों की अर्जी ठुकरा दी थी। धनंजय और कुमार ने कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख करते हुए कहा था कि निचली अदालत को मुकदमे के सुनवाई योग्य होने या न होने पर सुनवाई करने की बजाय एक कोर्ट-कमिश्नर नियुक्त करना चाहिए। उच्च न्यायालय ने इस साल 16 जुलाई को कहा था कि निचली अदालत को मामले के सुनवाई योग्य होने या न होने संबंधी दलील पर सुनवाई करने और फैसला करने का अधिकार है। मामले को अब आठ जनवरी 2023 के लिए सूचीबद्ध किया गया है।