नई दिल्ली- साहित्य, संस्कृति और कलाओं के विविध रंगों के बीच संपूर्ण विश्व को शांति और सद्भावना का संदेश देता ‘विश्वरंग’ अपने आयोजन के चौथे संस्करण की ओर बढ़ रहा है। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के मुख्य संयोजन में यह महोत्सव 14 से 20 नवंबर को भारत की सांस्कृतिक राजधानी भोपाल में अपनी रचनात्मक भव्यता और गरिमा के साथ आयोजित होगा। यह जानकारी दी वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी, विश्वरंग के निदेशक और रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे ने दी। इस दौरान कॉन्फ्रेंस में उनके साथ मंच पर विश्वरंग के सह-निदेशक श्री लीलाधर मंडलोई, वनमाली सृजन पीठ के अध्यक्ष श्री मुकेश वर्मा, वरिष्ठ चित्रकार अशोक भौमिक और टैगोर विश्वकला केंद्र के निदेशक श्री विनय उपाध्याय मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि किसी भी निजी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया जाने वाला विश्व का यह अनूठा साहित्य कला महोत्सव है।चौबे ने कहा,विश्वरंग वैश्विक दर्शकों के साथ मिलकर साहित्य, कविता, कला, संगीत और संस्कृति की सच्ची भावना का जश्न मनाता है। 7 दिनों के दौरान हमारे देश की संस्कृति, कला और साहित्य को उजागर करने और उसकी सराहना करने के लिए दुनिया भर के कलाकारों और प्रतिष्ठित हस्तियों ने हाथ मिलाया है। विश्वरंग के चौथे संस्करण के साथ, हमारा लक्ष्य सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने और भारत की समृद्ध विरासत की विरासत को बढ़ाने और दुनिया भर में इसे मनाने की महत्वाकांक्षा के साथ अधिक लोगों को एक साथ लाना है।उन्होंने बताया,विश्वरंग के पिछले संस्करण में लगभग 42 मिलियन दर्शकों की ऑनलाइन उपस्थिति और भागीदारी रही, 50 से अधिक देशों में 4 लाख से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया और विश्व स्तर के प्रसिद्ध कलाकारों के साथ जुड़े। इस बार भारत सहित विश्व के 50 देशों की मेजबानी में ‘विश्वरंग’ को आयोजित किया जा रहा है। यह एक ऐसा आयोजन है जो कला और संस्कृति की विरासत का जश्न मनाता है और नई और आने वाली प्रतिभाओं को एक वैश्विक मंच प्रदान करता है। विश्वरंग का लक्ष्य महत्वाकांक्षी कलाकारों और विशिष्ट श्रेणी कला रूपों का सम्मान करना है, जिससे उन्हें वैश्विक मंच प्रदान कर दर्शकों तक पहुंचने में सक्षम बनाया जा सके। इस वर्ष महोत्सव की शुरुआत कलाकारों के साथ विश्व शांति और सद्भाव के साथ की जाएगी। इसके बाद एक राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन होगा। साथ ही कला प्रदर्शनी, फिल्म स्क्रीनिंग और जनजातीय और लोक संस्कृति पर चर्चा सत्र होंगे। उद्घाटन समारोह में सिंगर पापोन, शिल्पा राव, मैथिली ठाकुर और कौशिकी चक्रवर्ती जैसे प्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुति होगी। फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज, वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन, शार्क टैंक फेम अशनीर ग्रोवर और अभिनेता विश्वपति सरकार जैसी हस्तियां भी वैचारिक सत्र और चर्चाओं का हिस्सा होंगी।