नई दिल्ली- दिल्ली की बिजली हरियाणा को री-एलोकेट करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई जिसमें 29 अप्रैल तक स्टेटस कोए को बरकरार रखा गया है। यानी 29 अप्रैल तक दिल्ली की बिजली हरियाणा को र्टंसफर नहीं की जा सकेगी।मामले में अंतरिम स्टे मिलना दिल्ली के 66 लाख उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है और हाई कोर्ट के इस कदम ने उपभोक्ताओं को ब्लैकआउट से बचा लिया है।आज हुई सुनवाई के दौरान भारत सरकार के वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्तों का समय मांगा। कोर्ट ने उन्हें दो हफ्ते का समय दे दिया।बीएसईस इस मामले में 29 अपै्रल को रीजॉइंडर दाखिल करेगी।टीपीडीडीएल के वकील मामले में हस्तक्षेप करना चाहते थे। हस्तक्षेप का उनका आवेदन कोर्ट के समक्ष 4 अप्रैल को आएगा।गौरतलब है कि एनटीपीसी के दादरी.2 पावर प्लांट से दिल्ली को मिल रही 728 मेगावॉट बिजली हरियाणा को री.एलोकेट कर दी गई थीए जो उसे 1 अप्रैल से मिलना था। गर्मियां शुरू हो चुकी हैं और ऐसे में इतनी मात्रा में बिजली किसी अन्य राज्य को री.एलोकेट किए जाने से दिल्ली के उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति में भारी दिक्कत आ सकती थी।गर्मियों में देश के लगभग सभी राज्यों में बिजली की खपत काफी जाती है। ऐसे में पावर एक्सचेंज से भी इतनी अधिक मात्रा में बिजली खरीदना मुश्किल हो सकता है। अगर पावर एक्सचेंज में बिजली उपलब्ध हुई तो भीए वह काफी महंगी होगी।जानकारों के मुताबिकए गर्मियों में डिस्कॉम अगर पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदती हैए तो इसके लिए उसे प्रति यूनिट 10 से 15 रूपये तक चुकाने प? सकते हैं। फिलहालए दादरी .2 से लगभग 5 रूपये प्रति यूनिट की दर से दिल्ली डिस्कॉम को बिजली मिल रही है। अगर डिस्कॉम को एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदनी प?ती हैए तो अंतत: उसका बोझ उपभोक्ताओं पर ही प?ेगा।दादरी.2 की बिजली को री.एलोकेट कर हरियाणा को तब दिया गया हैए जबकि दिल्ली डिस्कॉम्स कहती रही हैं कि वे दादरी.2 से बिजली खरीदना जारी रखना चाहती हैं। यही नहींए बिजली खरीद के लिए दादरी.2 से हुआ 25 साल हुआ समझौता 30 जुलाई 2035 तक के लिए मान्य है