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पिछले तीन-चार महीनों से अनाज नहीं लेने वाले राशन कार्ड के लाभार्थियों का पता लगाने के लिए दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने जमीनी स्तर पर जांच शुरू कर दी है. विभाग के अधिकारियों के अनुसार सब्सिडी वाले राशन को उचित मूल्य की दुकानों से लाभार्थियों द्वारा एकत्र नहीं किया जा रहा है. 

लगातार तीन महीने तक निष्क्रिय रहने वाले ऐसे राशन कार्ड को रद्द किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि निष्क्रिय राशन कार्डों की जांच के लिए इस महीने की शुरुआत में सर्वेक्षण शुरू किया गया था. खाद्य एवं आपूर्ति आयुक्त नीरज सेमवाल ने बताया कि सर्वेक्षण के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. 

उन्होंने कहा कि हमने तीन महीने से नियमित रूप से राशन नहीं लेने वाले लाभार्थियों का क्षेत्र निरीक्षण शुरू करने के लिए एक अभियान शुरू किया है. इसका उद्देश्य राशन लेने में असमर्थता के कारण का पता लगाने और कहीं कोई नकली लाभार्थी तो नहीं है, इस बात का पता लगाना भी है. 

सेमवाल ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि कई ऐसे लाभार्थी हैं जो पिछले तीन-चार महीनों से राशन नहीं ले रहे हैं. इसका कारण ज्ञात नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए, मैंने अधिकारियों से संबंधित स्थानों का दौरा करने और कारणों का पता लगाने को कहा है. 

यदि कोई फर्जी मामला पाया जाता है तो उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा और एक नया कार्ड जोड़ा जाएगा. हालांकि, आयुक्त ने जोर देकर कहा कि बिना वैध कारण के किसी भी लाभार्थी का राशन कार्ड रद्द नहीं किया जाएगा.

सेमवाल ने कहा कि किसी भी कार्रवाई से पहले राशन नहीं लेने के पीछे के सभी कारकों की पूरी जांच की जाएगी. बता दें कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार राशन कार्ड के लिए दो लाख से अधिक आवेदन लंबित सूची में डाल दिए गए हैं क्योंकि दिल्ली के 72.77 लाख राशन कार्डों का कोटा भरा हुआ है. 

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सर्वेक्षण में अधिकारी तीन-चार महीने से राशन नहीं लेने वाले लाभार्थियों के घर जाकर जांच करेंगे कि व्यक्ति अपने गृहनगर गया है या बीमार है. उन्होंने कहा कि यदि बीमारी जैसा कोई वास्तविक मामला है या यदि लाभार्थी अपने गृहनगर में है, तो राशन कार्ड रद्द नहीं किया जाएगा.