नई दिल्ली – इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन के द्वारा दिल्ली के वसंतकुंज क्षेत्र में आईसीडब्लूएमआर, टेरी, एसएएस के प्रांगण में आज “माय 10 केजी प्लास्टिक कैंपेन” अभियान के अंतर्गत दो लाख किलो प्लास्टिक वेस्ट का सफल संग्रहण व रीसाइक्लिंग करने हेतु सहभागी सोसाइटियों के सम्मान एवं कूड़ा प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी की भूमिका विषय पर परिचर्चा पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे प्रो. अरुण कंसल, निदेशक,आईसीडब्लूएमआर, टेरी, एसएएस डाबर इंडिया के कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन व सीएसआर प्रमुख व्यास आनंद, आईपीसीए के संस्थापक व निदेशक आशीष जैन व सेक्रेटरी अजय गर्ग सहित दिल्ली एनसीआर से कईं सोसाइटियों ने भाग लिया। उल्लेखनीय है “माय 10 केजी प्लास्टिक कैंपेन” आईपीसीए के संस्थापक आशीष जैन द्वारा सोचा हुआ एक साधारण विचार था जिसे देश की प्रतिष्ठित एफमसीजी कंपनी डाबर एवं दिल्ली एनसीआर के बिभिन्न सोसाइटियों का सहयोग मिला। इस विचार को धरातल पर क्रियान्वयन कर, 2019 के बाद से अब तक दो लाख बत्त्तीस हजार किलोग्राम प्लास्टिक कूड़े का संग्रहण कर रीसाइकल किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत सोसाइटी स्तर पर अनुपयोगी प्लास्टिक के कचरे को जमा किया जाता है जिसको आईपीसीए अपने प्लांट में रिसाइकिल करती है। बता दें कि यह कैंपेन डाबर इंडिया लिमिटेड द्वारा एक सीएसआर पहल है जिसका क्रियान्वयन आईपीसीए द्वारा किया जा रहा है। इस आयोजन के दौरान, आशीष जैन ने कहा, यदि हर नागरिक अपने प्लास्टिक कूड़े कि जिम्मेदारी ले, तो भारत को प्लास्टिक न्यूट्रल बनाना संभव है। व्यास आनंद ने समुदाय के प्रयासों की सराहना की और अभियान को और आगे बढ़ाने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले समाजों के लिए पुरस्कार नीति की भी घोषणा की, जिससे भागीदारी को बढ़ावा और स्थायी प्रथाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।पैनल चर्चा में, प्रो.अरुण कंसल, निदेशक आईसीडब्लूएमआर, टेरी, एसएएस ने अभियान के व्यवहारिक प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, आरडब्ल्यूए और सोशल मीडिया समूह अब पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं और कचरे के पृथक्करण को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कचरा पृथक्करण पर्यावरणीय कार्य होने के साथ-साथ आर्थिक विकास का एक बड़ा अवसर है।आभार के प्रतीक के रूप में, समुदायों को उनके निरंतर समर्थन एवं अभियान के प्रति प्रतिबद्धता के लिए विशिष्ट योगदान के प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। आईपीसीए का उद्देश्य अभियान के दायरे को भारत के 20 करोड़ लोगों तक पहुंचाना है, समुदायों को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी लेने और एक स्वच्छ, हरा-भरा भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करना है