लखनऊ-उत्तर प्रदेश के सरकारी तथा सहायता प्राप्त प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों की पोशाक, जूते-मोजे तथा अन्य सामग्री खरीदने के लिए धनराशि अब सीधे उनके अभिभावकों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। राज्य मंत्रिपरिषद की हुई बैठक में इस महत्वपूर्ण निर्णय पर मुहर लगाई गई। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में शिक्षण सत्र 2022-23 में प्रदेश के सभी परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं के लिए यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी खरीदने की धनराशि अब सीधे उनके माता-पिता या अभिभावक के बैंक खाते में भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मंत्रिपरिषद ने हर साल केंद्र से उसका हिस्सा प्राप्त होने का इंतजार किए बगैर छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी के मद की सम्पूर्ण धनराशि की अग्रिम वित्तीय स्वीकृति जारी करने की प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है। शैक्षिक वर्ष 2022-23 में इस योजना से दो करोड़ छात्र-छात्राओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। अभिभावकों के बैंक खाते में सीधे धनराशि के अंतरण से नि:शुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी खरीदने के लिए धनराशि उपलब्ध कराने की पारदर्शी व्यवस्था स्थापित हो सकेगी। मंत्रिपरिषद ने भविष्य में किसी प्रक्रिया या दरों में बदलाव के सम्बन्ध में निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। ज्ञातव्य है कि प्रदेश के सभी सरकारी तथा सहायता प्राप्त प्राथमिक तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं को यूनीफॉर्म केन्द्र एवं राज्य सरकार के बजट से तथा जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग राज्य सरकार के बजट से नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है।