नई दिल्ली – नेशनल क्राफ्ट्स म्युज़ियम और हस्तकला एकेडमी, परिधान मंत्रालय के अभियान के तहत भारतीय हैण्डलूम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्कूली छात्रों के लिए दो सप्ताह के शैक्षणिक कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। भारतीय हैण्डलूम और इससे जुड़ी विभिन्न प्रक्रियाओं पर विशेष रूप से पेश किए गए ये सत्र भारत की भावी पीढ़ियों को देश की समृद्ध धरोहर के साथ जोड़ेंगे तथा देश के विभिन्न हिस्सों से कारीगरों एवं बुनकरों के कार्य की सराहना कर इनके बारे में जागरुकता बढ़ाएंगे।दिल्ली/एनसीआर के 75 स्कूलों से 10,000 से अधिक छात्र 1-14 अगस्त के बीच आयोजित इस दो सप्ताह के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, जिन्हें भारतीय हैण्डलूम (हाथकरघा) और बुनाई की जटिल दुनिया के बारे में जानने का मौका मिलेगा। देश के विभिन्न हैण्डलूम क्लस्टर्स से मास्टर कारीगर और बुनकर, छात्रों को विभिन्न प्रकार की कारीगरी की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देंगे। उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों की लोकप्रिय कारीगरी जैसे बनारसी ब्रोकेड, इकत, पैठानी, जामदानी, उत्तर-पूर्वी परिधानों की बुनाई के बारे में जानने का अवसर मिलेगा वे कच्चे फाइबर से लेकर शानदार तैयार प्रोडक्ट के निर्माण तक की पूरी यात्रा को समझ सकेंगे।छात्रों को न सिर्फ प्रक्रिया के बारे में सैद्धान्तिक जानकारी मिलेगी बल्कि यार्न से लेकर फाइबर तक की पूरी प्रक्रिया को व्यवहारिक रूप से समझने का अवसर भी मिलेगा। वे लूम की स्थापना से लेकर विंडिंग, साइज़िंग और सजावट तक परिधान के निर्माण की पूरी प्रक्रिया के बारे में व्यापक जानकारी पा सकेंगे।परिधान मंत्रालय द्वारा भारतीय हैण्डलूम के बारे में जागरुकता बढ़़ाने और इनकी मांग बढ़ाने के प्रयास में आयोजित इस शैक्षणिक पहल #नो यॉर वीव्स (#KnowYourWeaves) का उद्देश्य हैःभावी पीढ़ियों को विभिन्न भारतीय हैण्डलूम की समृद्ध धरोहर के बारे में शिक्षित करना मौजूदा एवं भावी डिज़ाइनरों और कारीगरों के बीच जानकारी एवं ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर डिज़ाइन एवं उत्पादन प्रक्रिया में इनोवेशन्स को शामिल करना, तथाबुनकरों के लिए मांग बढ़ाने और उन्हें सहयोग प्रदान करने के लिए मंच उपलब्ध कराना हज़ारों प्रतिभागी छात्रों को निम्नलिखित गतिविधियों में हिस्सा लेकर भारतीय हैण्डलूम से जुड़े विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझने का मौका मिलेगा यार्न की तैयारीः छात्रों को हैण्डलूम निर्माण के पहले महत्वपूर्ण चरण को समझने का मौका मिलेगा- वे जान सकेंगे कि प्राकृतिक फाइबर से यार्न कैसे तैयार किया जाता है। लूम की तैयारीः छात्र हैण्डलूम बनाने की जटिल प्रक्रिया को समझ सकेंगे। इसके विभिन्न चरणों को व्यवहारिक रूप से जान सकेंगे जैसे लूम पर धागा चढ़ाना, वार्पिंग की कला और लूम के सही साइज़ को सुनिश्चित करना। बुनाई का परिचयः इस चरण में छात्रों को बुनुई, लूम के विभिन्न प्रकार और बुनाई की विभिन्न तकनीकों के बारे में विस्तार से समझने का अवसर मिलेगा।डेकोरेशन यानि सजावटः छात्रों को परिधानों को सजाने के तरीकों जैसे कढ़ाई, एप्लिक, टाई एण्ड डाई आदि तकनीकों को जानने का मौका मिलेगा।आम जनता भी इस शैक्षणिक आयोजन में हिस्सा ले सकती है।नेशनल हैण्डलूम दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित अन्य पहलें हैण्डलूम हाट और दिल्ली हाट- देश के विभिन्न हिस्सों से हैण्डलूम बुनकर, उद्यमी एवं हैण्डलूम संगठन सीमित अवधि के लिए अपने स्वदेशी हैण्डलूम एव हैण्डीक्राफ्ट्स का प्रदर्शन कर रहे हैं। ये पहलें बुनकरों को सीधे दर्शकों के साथ जोड़ेंगी।