21 वीं शताब्दी, नयी तकनीकों के साथ एक नया युग आया है, जिसने व्यवसायिक दुनिया के परिदृश्य को बदल दिया है। आजकल, व्यवसायी न केवल नए और अद्वितीय विचारों का पालन कर रहे हैं, बल्कि वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए भी नवाचारी दृष्टिकोण अपना रहे हैं। इस संदर्भ में, “21 वीं शताब्दी में उद्यमशीलता के मूलमंत्र से निकलेगी स्टार्टअप इंडिया व विस्तार की राह” विषय विचारने योग्य है।युवाओं को प्रेरित करने के लिए नए उद्यमिता मूलमंत्र: युवाओं की दिशा में उनकी उम्मीदों का संरचनात्मक निर्माण करने के लिए, हमें नए और प्रेरणादायक मूलमंत्र की आवश्यकता है। ‘सोचो बड़ा, करो बड़ा’ की भावना से ही स्टार्टअप इंडिया की राह में मिलेगा सफलता का मार्ग। नए विचारों को बढ़ावा देने वाले उद्यमिता मूलमंत्र युवाओं को निरंतर सक्षम और साहसी बनाते हैं।नवाचारी विचारशीलता की महत्वपूर्णता: 21 वीं शताब्दी में नये और अद्वितीय विचारों की मांग बढ़ी है, जिनसे नए स्वाद के उत्पाद और सेवाएं उत्पन्न हो सकें। स्टार्टअप क्षेत्र में नवाचारी विचारशीलता के बिना कोई सफलता संभव नहीं है। यह न केवल व्यापारिक मामलों में बल्कि समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक हो सकती है।स्टार्टअप इंडिया: नये आयामों की ओर प्रगति: नए भारत में स्टार्टअप के क्षेत्र में विभिन्न सरकारी योजनाएं और सहायता दी जा रही हैं। “स्टार्टअप इंडिया” अभियान के तहत नौकरियों की स्थापना के साथ-साथ युवाओं को खुद के विचारों को प्रकट करने का भी अवसर मिल रहा है। यह स्थापित करता है कि भारत सरकार नए और उन्नत विचारों के प्रति सकारात्मक है और वह उन्हें समर्थन प्रदान करने के लिए तत्पर है।
शिक्षा और प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका: उद्यमिता के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। युवाओं को व्यावसायिक दुनिया में प्रवेश करने के लिए उन्हें विभिन्न व्यवसायिक कौशलों का परिपूर्ण ज्ञान होना चाहिए। सरकार के द्वारा स्थापित की गई प्रशिक्षण केंद्र और योजनाएं युवाओं को उनके उद्यमिता के सपनों को पूरा करने में मदद कर सकती है।नए बिजनेस मॉडल्स की प्रोत्साहना: 21वीं शताब्दी में नए बिजनेस मॉडल्स का परिपूर्ण उपयोग करके उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जा सकता है। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स और ग्लोकलाइजेशन के तरीके नए विचारों को समर्थन देते हैं और छोटे उद्यमों को विश्व स्तर पर पहचानने का अवसर प्रदान करते हैं।
21 वीं शताब्दी नवाचार, नए सोच और उद्यमिता के लिए एक सुनहरा दौर है। स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत से लेकर नवाचारी विचारशीलता और नए बिजनेस मॉडल्स तक, हमारे पास सकारात्मक दिशानिर्देश हैं जो हमें एक मजबूत और सशक्त भारत की ओर अग्रसर करेंगे। युवा पीढ़ी को प्रेरित करते हुए हमें उन्हें नए उद्यमिता मूलमंत्र और सोच की ओर प्रोत्साहित करना होगा ताकि हम समृद्धि और विकास की नई ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकें।
