जयपुर- राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 पेपर लीक प्रकरण में राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डा. धर्मपाल जारौली को बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि बोर्ड सचिव अरविंद कुमार सेंगवा को निलंबित किया गया है।सरकार की ओर से शनिवार को ए आदेश जारी किए गए। रीट का आयोजन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने ही कराया था। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को साफ कहा कि राज्य सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और कोताही करने एवं कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले हर व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्वाई करेगी। गहलोत ने कहा कि परीक्षा देने वाले किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।शिक्षा विभाग ने डॉ. जारौली की बर्खास्तगी का आदेश जारी करते हुए कहा है कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे हैं, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से बोर्ड के अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जाता है। जारौली को 24 फरवरी 2020 को तीन साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया था।
वहीं कार्मिक विभाग ने बोर्ड के सचिव, राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) के अधिकारी अरविंद कुमार सेंगवा को निलंबित करने का आदेश जारी किया। आदेश में हालांकि उनके निलंबन का कोई कारण नहीं दिया गया है।गहलोत ने एक बयान में कहा कि रीट परीक्षा का आयोजन करने वाले बोर्ड की जिम्मेदारी तय करते हुए अध्यक्ष को बर्खास्त एवं सचिव को निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नकल, पेपर लीक आदि पर रोक को लेकर कठोर प्रावधानों वाला विधेयक बजट सत्र में लाएगी। उन्होंने कहा, हम युवाओं के हितों के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।
भविष्य में भर्ती परीक्षाएं निर्विघ्न तरीके से संपन्न हो इसका सुझाव देने हेतु उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति बनाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि रीट परीक्षा का आयोजन बोर्ड के अधीन किया गया था, लेकिन इसके पेपर लीक मामले को लेकर राज्य सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। भाजपा के एक प्रवक्ता ने शनिवार को मांग की थी कि सरकार रीट परीक्षा को निरस्त कर मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपे।पुलिस का विशेष ग्रुप (एसओजी) मामले की जांच कर रहा है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने शुक्रवार देर रात एक उच्च स्तरीय बैठक की थी और मामले में कड़ी कार्वाई के निर्देश दिए थे।