हैदराबाद- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के माध्यम से कोवैक्सीन की आपूर्ति निलंबित करने की घोषणा के बीच भारत बायोटेक के सूत्रों ने कहा कि दवा कंपनी ने संयुक्त राष्ट्र की किसी एजेंसी को कोविड-19 टीके की आपूर्ति नहीं की है और निलंबन का कोई असर महसूस नहीं होगा। सूत्रों ने बताया कि अब तक कंपनी ने केंद्र सरकार के टीका मैत्री कार्यक्रम के तहत भारत सरकार और नौ देशों को टीकों की आपूर्ति की है, और आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के तहत प्रत्यक्ष वाणिज्यिक आपूर्ति की है। कोवैक्सीन को 25 से अधिक देशों से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिली है। एक सूत्र ने कहा, हमें अभी तक संयुक्त राष्ट्र की किसी एजेंसी से कोई ऑर्डर नहीं मिला है। अंतरराष्ट्रीय टीका गठबंधन गावी कोवैक्स ने भी कोवैक्सीन के लिए कोई ऑर्डर नहीं दिया है। डब्ल्यूएचओ ने अच्छी विनिर्माण प्रथाओं में कमियों का हवाला देते हुए संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के माध्यम से कोवैक्सीन की आपूर्ति को स्थगित करने की पुष्टि की थी।डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि निरीक्षण में पाई गई कमियों को दूर करने और सुविधाओं को उन्नत करने के मकसद से यह फैसला लिया गया है। सुविधाओं को उन्नत किए जाने के संबंध में कंपनी के सूत्रों कहा कि जिन सुविधा केन्द्रों में कोवैक्सीन बनाई जा रही है, उनमें से किसी को भी विशेष रूप से कोवैक्सीन के निर्माण के लिए तैयार नहीं किया गया था। सूत्र ने कहा, हम मौजूदा सुविधाओं का उन्नयन करेंगे और उन्हें कोवैक्सीन के लिए 100 प्रतिशत विशिष्ट बनाएंगे। सूत्र ने कहा, हमारे टीका प्रमाण पत्र वैध हैं और भारत में आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं होगी। डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने 14-22 मार्च के दौरान भारत बायोटेक सुविधा केन्द्र का निरीक्षण किया था। सूत्रों ने बताया कि यह कोई औचक दौरा नहीं था और आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल किए से पहले कोई निरीक्षण नहीं किया गया था और डब्ल्यूएचओ का ऑडिट केवल कोवैक्सीन के लिए था। नाक के जरिए दिए जाने वाले कोविड टीके के संबंध में एक सवाल के जवाब में, कंपनी के सूत्र ने कहा कि तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है और चार महीने में इसका डाटा उपलब्ध होगा क्योंकि यह एक बहुत ही जटिल परीक्षण है। सूत्र ने कहा, डाटा का विश्लेषण करने के बाद हम तय करेंगे कि हमें अतिरिक्त परीक्षण करने चाहिए या लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि भारत बायोटेक जीएमपी की कमियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत के औषधि महानियंत्रक और डब्ल्यूएचओ को प्रस्तुत करने के लिए एक सुधारात्मक और निवारक कार्य योजना विकसित कर रहा है। भारत बायोटेक ने यह भी कहा कि डब्ल्यूएचओ की घोषणा ओक्यूजेन कंपनी के परीक्षणों को प्रभावित नहीं करेगी।ओक्यूजेन ने अमेरिकी बाजार के लिए कोवैक्सीन के निर्माण, आपूर्ति और व्यवसाईकरण के लिए भारत बायोटेक के साथ एक समझौता किया था।